भारतीयों में तेजी से विटामिन बी-12 की कमी बढ़ रही है। लगभग 47 फीसदी भारतीयों में विटामिन बी-12 की कमी है, जबकि केवल 26 फीसदी लोगों के बी-12 का स्तर पर्याप्त है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन रही है जिसका समाधान किया जाना जरूरी है। विटामिन बी-12 की कमी के लक्षणों की पहचान करना मुश्किल हो सकता है, और यह आमतौर पर अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भ्रांति में होकर हमारे शरीर को बीमार बना सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसकी कमी का पता लगाने के लिए सबसे अच्छा तरीका रक्त परीक्षण है।
विटामिन बी-12 की कमी के लक्षण:
-एनीमिया, थकान, और कमजोरी
-मतली, उल्टी, और दस्त
-वजन कमी और स्वाद-गंध में हानि
-निराशा, मानसिक भ्रम, और स्मृति हानि।
बी-12 की कमी का इलाज और उपाय:
-मांस, अंडे, और मछली का सेवन करें
-दूध और दही को आहार में शामिल करें
-फोर्टिफाइड अनाज और सप्लीमेंट्स का उपयोग करें
गंभीर स्थिति में इलाज:
चिकित्सक की सलाह पर, बी-12 की कमी के गंभीर मामूले के लिए सप्लीमेंट्स का सुझाव दिया जा सकता है। इलाज की अवधि को निशित करने के लिए निर्देशनों का पालन करना महत्वपूर्ण है। इस रोग के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए जनता को चाहिए कि सही आहार और नियमित जाँच से ही हम स्वस्थ रह सकते हैं।