स्टोरी हाइलाइट्स
पूर्णब्रह्म परमात्मा सत्य है, प्रकाश स्वरूप है। नश्वर संसार असत्य है, अंधकार स्वरूप है। सत्य रूपी प्रकाश कभी असत्य रूपी अंधकार में नहीं आ सकता है.
क्या पूर्णब्रह्म परमात्मा इस नश्वर संसार में हैं ?
बजरंग लाल शर्मा
1- क्या पूर्णब्रह्म परमात्मा इस नश्वर संसार में हैं ?
a- हाँ
b- ना
उत्तर- b पूर्णब्रह्म परमात्मा सत्य है, प्रकाश स्वरूप है। नश्वर संसार असत्य है, अंधकार स्वरूप है। सत्य रूपी प्रकाश कभी असत्य रूपी अंधकार में नहीं आ सकता है। इसलिए परमात्मा यहां नहीं है। यहां केवल उनकी सत्ता है।
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2- परमात्मा का स्वरूप क्या है ?
a- साकार है
b- निराकार है
c- शुद्ध (नहीं मिटने वाला) साकार है
उत्तर- c साकार तथा निराकार दोनों माया के रूप हैं तथा मिटने वाले हैं। परमात्मा माया से अलग है वह शुद्ध साकार है तथा कभी मिटता नहीं है।
3- क्या निर्गुण निराकार और सगुण साकार स्वरूप माया है ?
a- हाँ
b- ना
उत्तर- a साकार तथा निराकार स्वरूप दोनों ही माया है।
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4- जीव को इस नश्वर संसार में किसने बांधा है ?
a- स्वयं ने बांधा है
b- कर्म ने बांधा है
c- काल ने बांधा है
d- सृष्टि के कर्ता ने बांधा है
उत्तर- d जीव को कर्म ने, काल ने तथा स्वयं ने नहीं बांधा है। जो बांधता है वही खोल सकता है। सृष्टि के कर्ता ने ही जीव को बांधा है और वही खोल सकता है।
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5- क्या अनादि जीव का स्थान माया के अंदर है ?
a- हाँ
b- ना
उत्तर- b जीव अनादि है, यह हमेशा से है। जब यह माया का संसार नहीं बना था, तब भी जीव था। इसलिए अनादि जीव का स्थान माया के अंदर नहीं है।
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