मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2025 तैयार कर ली गई है। इसमें राज्य सरकार की ओर से टैक्स में छूट का भी प्रावधान किया गया है। राज्य के 6 प्रमुख शहरों में 582 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नज़र आएंगी। केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से मंजूरी मिल गई है। इंदौर को सबसे ज्यादा 150 बसें मिलेंगी।
इसके अलावा भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर को 100-100 बसें मिलेंगी। इसमें सरकार ने रियायतें देने का प्रावधान किया है। बड़े शहरों में परिवहन सेवाओं के तहत इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। फिलहाल इंदौर में 80 रूटों पर इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं।
ई-बस सेवा योजना के तहत 6 शहरों में 582 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का प्रस्ताव तैयार कर भेजा गया था। जिसमें केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय दिल्ली ने अपनी मंजूरी दे दी है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने प्रदेश के 6 शहरों में बसों के संचालन के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं और बस ऑपरेटरों का चयन कर लिया गया है।
पीएम ई-बस सेवा के तहत बस डिपो के निर्माण के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें से 60 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार तथा शेष 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। सम्पूर्ण राशि केन्द्र सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग केन्द्रों के निर्माण के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। शहरों में हल्के इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को बढ़ावा देने के लिए भोपाल, इंदौर और जबलपुर शहरों में 34 चार्जिंग स्टेशनों पर 190 चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए गए हैं।