प्लांटेशन में 30 सालों से चली आ रही गलती को डीएफओ न दोहराएं, नहीं तो होगी कार्रवाई


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स्टोरी हाइलाइट्स

वन बल प्रमुख ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फील्ड के अफसरों को दिए निर्देश..!!

भोपाल: वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव ने कहा कि प्लांटेशन के मामले में हम 30 साल से एक ही गलती दोहराते चले आ रहे हैं। श्रीवास्तव ने कहा कि अब तक हम बड़े वृक्ष के नीचे गड्ढे खोदकर अथवा सघन वन में प्लांटेशन के कार्य करते आ रहें हैं। अब यह गलती न दोहराई जाए। इसका सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि गलती दोहराने पर डीएफओ के खिलाफ कारवाई होगी।

ये निर्देश वन बल प्रमुख श्रीवास्तव ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान श्रीवास्तव ने कहा कि प्राय: यह देखा गया है कि विकास और कैंपा शाखा के अंतर्गत होने वाले प्लांटेशन बड़े झाड़ के नीचे अथवा डेंसिटी फॉरेस्ट में किया जाता रहा है। विभाग प्रमुख श्रीवास्तव ने विकास और कैंपा शाखा के मुखियाओं को आगाह किया है कि इस बात ध्यान रखा जाय कि सघन और बड़े पेड़ के नीचे गड्ढे खोदकर प्लांटेशन न हो। 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उपस्थित लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक बिभाष ठाकुर ने अधिकारियों को सुझाव दिया कि सघन वन, पेड़ के नीचे और छोटे पौधों का प्लांटेशन न किया जाए। ठाकुर ने यह भी सुझाव दिया की वृक्ष के ठूँठ को जमीन की सतह तक काटे। विभाग के मुखिया ने कहा कि डीएफओ और रेंजर रोपड़ियों में जाकर चेक करें कि पौधे प्लांटेशन लायक हैं अथवा नहीं। एक सीनियर अधिकारी के अनुसार निर्धारित गुणवत्ता के अनुसार रोपड़ियों में पौधे तैयार नहीं किया जा रहे हैं।

मार्च तक की मजदूरी का भुगतान तत्काल करें

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान वन बल प्रमुख श्रीवास्तव ने फील्ड के अवसरों को निर्देशित किया है कि मार्च तक बकाया मजदूरी का भुगतान करें। इसके अलावा लंबे देयकों का पेमेंट जल्दी करें। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तारतम्य में ए ग्रीन वॉच पोर्टल के डिजाइन में हुई इस त्रुटियों को सुधारे। उन्होंने कहा कि प्लांटेशन के लिए अधिकारियों ओम कर्मचारियों की विशेष ट्रेनिंग भी होनी चाहिए। प्लांटेशन सीजन, तेंदूपत्ता सीजन हो या फिर फायर सीजन में भी ट्रेनिंग स्कूल में चल रहे रिफ्रेशर कोर्स के प्रशिक्षण के लिए स्टाफ को जरूर भेजें। श्रीवास्तव ट्रेनिंग स्कूल के संचालकों को हिदायत दी है कि वे इस बात का भी ध्यान रखें की विषय विशेषज्ञों को बुलाकर ही रिफ्रेशर कोर्स करवाए।

एमडी और एएमडी आमने-सामने

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उसे समय फील्ड के अवसर हतप्रभ रह गए कि जब लघु वनोपत्र संघ के एमडी बिभाष ठाकुर और एएमडी मनोज अग्रवाल के बीच बहस होने लगी। हुआ यूं कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान तेंदूपत्ता लाभांश के अंतर्गत अधोसंरचना विकास के कार्य को लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक विकास यूके सुबुद्धि ने एमडी की उपस्थिति में एएमडी मनोज अग्रवाल से यह पूछ लिया कि तेंदूपत्ता लाभांश राशि से होने वाले आदेश संरचना विकास कार्य के लिए बजट दिया जा सकता है। इस पर अग्रवाल ने बताया कि नियम वन ग्रामों के अधोसंरचना विकास पर खर्च करने के लिए है। सुबुद्धि के सवाल पर हस्तक्षेप करते हुए एमडी ने कहा कि राशि दी जा सकती है पर इसके लिए हम स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बना रहे हैं। उसके बाद ही प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है।