मेथी को कम न समझें -दिनेश मालवीय


स्टोरी हाइलाइट्स

The winter season is going on. One by one, vegetables are being found in shops at Efrat.

मेथी को कम न समझें -दिनेश मालवीय सर्दियों का मौसम चल रहा है. एक से एक बढ़कर सब्जियाँ दुकानों पर इफरात में मिल रही हैं. इन्हें देखकर ही मुँह में पानी आ जाता है. इनमें एक बहुत महत्वपूर्ण है मैथी की भाजी. इसका स्वाद तो बहुत अच्छा है ही, लेकिन सेहत के लिए यह बहुत गुणकारी भी बहुत है. पत्तों वाली सब्जियों को तो आधुनिक विज्ञान भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद मानता है. इनमें क्लोरोफिल नाम का तत्व होता है, जो कीटाणुओं को मारता है. इसके अलावा इनमें प्रोटीन भी बहुत मात्रा में पाया आता है. हरी सब्जियों में लौह तत्व भी बहुत होता है, जिससे शरीर में खूनकी कमी दूर होती है. कमजोरी भी कम होती है. इनमें क्षार रातक की अम्लता को घटाकर इन्हें नियमित करने का गुण होता है. मेथी की भाजी देश के लगभग हर भाग में बहुत चाव से खाई जाती है. सर्दियों में ताजी भाजी के रूप में तो यह मिल ही जाती है, लेकिन इसे सुखाकर भी रख लिया जाता है. सूखी मेथी को अनेक सब्जियों और दालों में पूरे साल खाया जाता है. इसके अलावा मेथी दाने में भी बहुत मेडिसिनल प्रोपर्टीज होती हैं. मेथी में मामूली कड़वाहट होती है, लेकिन यह भी स्वादिष्ट होती है. मेथी दिल के लिए भी बहुत लाभदायक होती है. जिन लोगों को कब्ज की शिकायत है, उन्हें मेथी की सब्जी रोज़ खाने से लाभ होता है. इससे बवासीर में भी बहुत आराम मिलता है. बहुत अधिक पेशाब आने की शिकायत वालों को मेथी की भाजी के 100 मिलीमीटर रस में डेढ़ ग्राम कत्था और तीन ग्राम मिस्री मिलकर रोजाना खाना चाहिए. शुगर आजकल बहुत आम बीमारी है. इसमें राहत के लिए सुबह मेथी की भाजी का 100 मिलीलीटर रस पीने से फायदा होता है. लो ब्लडप्रेशर वालों को भी मेथी का अदरक और गरम मसाले के साथ सेवन करने पर लाभ होता है. बच्चों के पेट में कीड़े हो जाने पर उन्हें 1-2 चम्मच मेथी का रस पिलाने से फायदा होता है. वायु का दर्द में सूखी मेथी खाने से ठीक हो जाता है. आंव, हाथ-पैर में दर्द और अन्य अनेक बीमारियों में मेथी की भाजी और मेथी दाना बहुत फायदा करते हैं. मेथी का पाक भी बनाया जाता है, जो सर्दी के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाता है. यह शरीर को भी पुष्ट करता है. इसके लिए मेथी और सोंठ 325-325 ग्राम मात्रा में लेकर दोनों को कपड़े से छान लें और चूर लें. सवा पाँच लीटर दूध में 325 ग्राम घी दाल कर उसमें यह चूर्ण मिला लें. सब एकरस हो जाने पर उसके गाढ़ा हो जाने तक उसे पकाया जाए. इसके बाद उसमें ढाई किलो शक्कर डालकर धीमी अनच पर पकाया जाए. अच्छी तरह पाक बन जाने पर उसे नीचे उतार कर उसमें लेंगीपीपर, सोंठ, पीपरामूल, चित्रक, अजवायान जीरा, धनिया, कलौंजी, सौंफ, जायफल, दालचीनी, तेज्पर और नागर मोठा 40-4- ग्राम और काली मिर्च 60 ग्राम चूर कर मिला लें. इसे अपनी क्षमता के अनुसार सुबह खाने पर स्वास्थ्य में बहुत फायदा हॉट है. यह पाक आमवात, पीलिया, उन्माद, मिर्गी, अम्लपित्त, नेत्ररोग आदि में बहुत राहत देता है.