देश के अगले राष्ट्रपति पद के कैंडिडेट के लिए NDA ने ओडिशा की द्रौपदी मुर्मू के नाम पर मुहर लगा दी है। वे झारखंड की पूर्व राज्यपाल भी हैं. मंगलवार शाम को भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग में उनके नाम पर सहमति बनी। इस अहम मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के बड़े नेता मौजूद थे।
मीटिंग के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि मीटिंग में 20 नामों पर चर्चा की गई। मीटिंग में यह तय किया गया था कि इस बार राष्ट्रपति कैंडिडेट के लिए पूर्वी भारत से किसी दलित महिला को चुना जाना चाहिए। इसके बाद ही द्रोपदी मुर्मू के नाम को मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते कहा कि मुझे विश्वास है कि वे एक महान राष्ट्रपति बनेंगी। सबसे खास बात यह है कि द्रौपदी मुर्मू ने 20 जून को ही अपना जन्मदिन मनाया था. जन्मदिवस के अगले दिन ही उन्हें राष्ट्रपति कैंडिडेट घोषित कर दिया गया।
बीजेपी में इसके लिए जिन तीन महिलाओं के नाम पर विचार किया जा रहा था, उनमें द्रौपदी मुर्मू के अलावा छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके और यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नाम भी शामिल थे। मुर्मू अपना नामांकन पत्र 25 जून को दाखिल कर सकती हैं। ओडिशा की रहने वाली मुर्मू 64 साल की हैं. झारखंड की नौंवी राज्यपाल रहीं द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली हैं। वे ओडिशा के ही रायरंगपुर से विधायक भी रह चुकी हैं। वे पहली उड़िया नेता हैं जिन्हें राज्यपाल बनाया गया। मुर्मू झारखंड की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल थीं। इससे पहले वे भाजपा-बीजद गठबंधन सरकार में मंत्री भी रहीं। वोटों के गणित के हिसाब से राष्ट्रपति चुनाव में उनकी जीत तय मानी जा रही है.
दूसरी ओर विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय किया है। इसके बाद यशवंत सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। नई दिल्ली में विपक्ष की बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हम 27 जून को सुबह राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे।
नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया 15 जून को शुरू हो चुकी है। इसके लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 जून है। जरूरत पड़ने पर 18 जुलाई को चुनाव कराए जाएंगे और 21 जुलाई को नतीजे आ जाएंगे।