मध्य प्रदेश के गुना में एक निजी स्कूल में कथित तौर पर संस्कृत का श्लोक पढ़े जाने से एक छात्र को रोक दिया गया। आरोप लगने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जमकर हंगामा किया। बवाल बढ़ता देख प्रिंसिपल ने माफी भी मांगी। हालांकि पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
स्कूल में करीब दो घंटे तक हंगामा चलता रहा। मौके पर जिला शिक्षा पदाधिकारी भी पहुंचे. उनके आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। पुलिस ने एबीवीपी कार्यकर्ता की शिकायत पर प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
आपको बता दें कि यह पूरा मामला 15 जुलाई को वंदना कॉन्वेंट स्कूल में हुआ था। जहां छठी कक्षा के तीन छात्र सुबह की प्रार्थना के दौरान संस्कृत श्लोकों का उच्चारण कर रहे थे। इसी बीच मौजूद शिक्षक ने छात्र से माइक छीन लिया। उन्होंने डाँटकर कहा, 'यहां शेर और शायरी नहीं चलेगी, यहाँ श्लोक नहीं पढ़ा जायेगा।
कोई भी छात्र हिंदी में बात नहीं करेगा। यहां सिर्फ अंग्रेजी बोली जाएगी।' यह कहकर उसे हटा दिया गया। छात्रों ने यह बात अपने परिजनों को नहीं बताई। यह बात एक छात्र ने शनिवार को बातचीत के दौरान अपने पिता से कही। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ। छात्रा के पिता ने हिंदू संगठनों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं को पूरे मामले की जानकारी दी। जिला शिक्षा पदाधिकारी से भी शिकायत की।
डीईओ चन्द्रशेखर सिसौदिया ने स्कूल प्राचार्य को नोटिस दिया। स्कूल प्रबंधन ने सफाई देते हुए कहा- 'सुबह की असेंबली के दौरान चयनित छात्रों की असेंबली को हिंदी और अंग्रेजी में क्रमबद्ध किया गया है। उस दिन असेंबली अंग्रेजी में होनी थी, लेकिन छात्र ने असेंबली की शुरुआत हिंदी में की। प्रार्थना सभाओं में प्रतिदिन विभिन्न धार्मिक ग्रंथों से लिए गए उद्धरण पढ़े जाते हैं।
सोमवार सुबह करीब 11 बजे एबीवीपी कार्यकर्ता एकत्र होकर विरोध जताते हुए स्कूल पहुंच गए। सूचना मिलते ही पुलिस का काफिला भी मौके पर पहुंच गया। कार्यकर्ताओं ने पहले स्कूल का गेट खोलने का प्रयास किया। जब गेट नहीं खुला तो वे उस पर चढ़कर अंदर घुस गए।
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता स्कूल प्राचार्य को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। कुछ देर बाद प्रिंसिपल ने माफ़ी मांगी। उन्होंने कहा, 'आज अंग्रेजी में बात करने का दिन था इसलिए छात्र को रोका गया। यदि किसी की भावनाएँ आहत हुई हों तो मैं क्षमा चाहता हूँ। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।
कार्यकर्ताओं की मांग है कि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। साथ ही, जिस कविता को पढ़ने से छात्र को रोका गया था, उसे अब स्कूल की प्रार्थना में रोजाना पढ़ा जाना चाहिए। साथ ही प्रिंसिपल को स्कूल से निष्कासित किया जाना चाहिए। करीब दो घंटे तक हंगामा चलता रहा। मौके पर जिला शिक्षा पदाधिकारी भी पहुंचे। उनके आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। पुलिस ने एबीवीपी कार्यकर्ता की शिकायत पर प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।