स्टोरी हाइलाइट्स
गुप्ता होंगे अगले डीजी फॉरेस्ट, इस माह तीन सीनियर आईएफएस होंगे सेवानिवृत्त: वन विकास निगम के प्रबंध संचालक एवं 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी.....
गुप्ता होंगे अगले डीजी फॉरेस्ट, इस माह तीन सीनियर आईएफएस होंगे सेवानिवृत्त
गणेश पाण्डेय
भोपाल. वन विकास निगम के प्रबंध संचालक एवं 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी रमेश कुमार गुप्ता अगले डीजी फॉरेस्ट होंगे. वर्तमान डीजी फॉरेस्ट राजेश श्रीवास्तव स्मार्ट रिटायर होने जा रहे हैं. उनके साथ प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के दो और आईपीएस अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. रेरा में सदस्य पद पर नामांकित किए जाने के बाद लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक एसएस राजपूत ने अपना इस्तीफा विभाग को भेज दिया है.
प्रधान मुख्य वन संरक्षक के स्तर के तीन अधिकारियों के रिटायरमेंट और लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक एसएस राजपूत का इस्तीफा स्वीकार होने पश्चात 1987 बैच के 2 और 1988 बैच के 3 अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक से पीसीसीएफ के पद पर प्रमोट हो जाएंगे. इनके प्रमोशन होने पर जंगल महकमे में शीर्ष स्तर पर तबादले होने की संभावना है. विभागीय सूत्रों के अनुसार वन विकास निगम के प्रबंध संचालक रमेश कुमार गुप्ता डीजी फॉरेस्ट बन जाएंगे. गुप्ता के डीजी फारेस्ट बनने पर वन विकास निगम के प्रबंध संचालक का पद रिक्त हो रहा है.
* एमडी पद के लिए अतुल जैन की दावेदारी
गुप्ता के डीजी फॉरेस्ट बनने पर रिक्त होने वाले प्रबंध संचालक वन विकास निगम के पद के लिए निगम में ही पदस्थ अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं 1988 बैच अतुल कुमार जैन ने दावेदारी की है. वन विकास निगम के कार्यों का उन्हें अच्छा अनुभव है. इसी प्रकार लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक एसएस राजपूत के इस्तीफा स्वीकार होने पर इस पद के लिए बांस मिशन के संचालक डॉ एके पाटिल अथवा अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी जेएस चौहान के पदस्थ होने की चर्चा है. इसी प्रकार प्रधान मुख्य वन संरक्षक (मानव संसाधन) गिरधर राव के रिटायर होने पर उनके स्थान पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक को प्रमोट कर धर्मेंद्र वर्मा को पीसीसीएफ मानव संसाधन बनाया जा सकता है.
* रावत और श्रीवास्तव नहीं हो पाएं प्रमोट
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (समन्वय) एलएस रावत और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अजीत के श्रीवास्तव के प्रमोशन पर ब्रेक लग गया. डीपीसी की बैठक में उनके नाम का लिफाफा बंद कर दिया. अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एलएस रावत पर छतरपुर सीसीएफ तत्कालीन वन मंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार के कहने पर नियम विरुद्ध तबादला आदेश जारी किए थे. स्थानांतरण आदेश के मामले को लोकायुक्त ने संज्ञान में लिया था और जांच में उन्हें कसूरवार माना है. उनका प्रकरण विभाग ने केंद्र सरकार को भी भेज दिया है. जबकि अजीत के श्रीवास्तव बहुचर्चित ऑडियो रिश्वत कांड उलझे हुए हैं.
* रावत दोषी पर मोहन मीणा क्लीन चिट कैसे?
जिस स्थानांतरण की प्रक्रिया को लेकर रावत को दोषी ठहराया गया है, उसी तरह के स्थानांतरण प्रभारी सीसीएफ एवं एपीसीपीएफ मोहन मीणा को विभाग ने कलीनचिट कैसे दे दिया..? दिलचस्प पहलू यह है कि डीजी फॉरेस्ट राजेश श्रीवास्तव से लेकर प्रशासन-2 के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक मानते हैं कि अधिकार क्षेत्र से परे जाकर मीणा ने ट्रांसफर किए हैं. दिलचस्प पहलू यह है कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी आलोक कुमार ने भी मोहन मीणा की चार्जशीट रोक रखी है. अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने चार्जशीट बनाकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक को भेज दिया. आरोप पत्र आलोक कुमार ने अपने पास ही लंबित रखा है.