गृह मंत्रालय में मॉक ड्रिल पर उच्च स्तरीय बैठक खत्म, पाकिस्तान ने लगातार 12वें दिन किया सीज फायर का उल्लंघन


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स्टोरी हाइलाइट्स

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति है। भारत आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है..!

पाकिस्तान के साथ बिगड़ते हालात के बीच सरकार देश के नागरिकों को युद्ध जैसे हालात के लिए तैयार कर रही है। बुधवार 7 मई को 54 साल बाद देशभर के विभिन्न राज्यों में मॉक ड्रिल की जाएगी। गृह मंत्रालय में मॉक ड्रिल पर उच्च स्तरीय बैठक खत्म हो गई है।

बैठक में डीजी, सिविल डिफेंस और डीजी, एनडीआरएफ समेत कई उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल हुए। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बीच हुई इस बैठक में गृह मंत्रालय के सबसे वरिष्ठ अधिकारी से सिविल डिफेंस तंत्र को मजबूत करने की तैयारियों की समीक्षा की गई। सूत्रों के हवाले से बताया कि देशभर के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस के प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए।

इसके अलावा पाकिस्तान ने लगातार 12वें दिन एलओसी पर कई जगहों पर गोलीबारी की है। 5 और 6 मई की दरम्यानी रात को पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुल्ला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर के आसपास के इलाकों में नियंत्रण रेखा के पार से छोटे हथियारों से गोलीबारी की। भारतीय सेना ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया।

गृह मंत्रालय की बैठक के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक सदस्य ने कहा कि हम तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। जिन कमियों को दूर करने की जरूरत है, उनकी पहचान कर ली गई है।

केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन द्वारा 7 मई को देश भर में प्रभावी नागरिक सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल आयोजित करने पर बुलाई गई बैठक संपन्न हो गई है।

दरअसल जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। आतंकवाद के संरक्षक पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए भारत कई कदम उठा रहा है। कूटनीतिक से लेकर आर्थिक मोर्चों तक हर कदम पर पाकिस्तान और आतंकियों को तहस-नहस किया जा रहा है।

इस बीच भारत सरकार का सबसे बड़ा फैसला सामने आया है। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और युद्ध की आशंकाओं के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देशभर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई को समन्वित 'मॉक ड्रिल' आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस दौरान आपके शहर में भी युद्ध के सायरन बज सकते हैं। 

इस मॉक ड्रिल का मकसद देशवासियों को युद्ध जैसी आपातकालीन स्थितियों में सतर्कता, त्वरित प्रतिक्रिया और आत्मरक्षा के लिए तैयार करना है। गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे गए आधिकारिक परिपत्र के अनुसार, मॉक ड्रिल में युद्ध चेतावनी सायरन बजाना, नागरिकों को सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी देना और बंकरों और खाइयों की सफाई जैसे प्रमुख कदम शामिल होंगे।

यह मॉक ड्रिल वास्तविक आपातकाल की तैयारी के तौर पर किया जा रहा है, ताकि आम लोगों को यह समझ में आ जाए कि सायरन बजने पर उन्हें क्या करना चाहिए।

आपको बता दें कि यह युद्ध चेतावनी सायरन बहुत तेज और कंपन वाली आवाज में बजता है, जिसकी तीव्रता 120 से 140 डेसिबल होती है और इसे 2 से 5 किलोमीटर की दूरी से सुना जा सकता है। इसकी आवाज सामान्य हॉर्न या एंबुलेंस की आवाज से अलग होती है।

ये सायरन आमतौर पर प्रशासनिक भवनों, पुलिस मुख्यालयों, दमकल केंद्रों, सैन्य ठिकानों, भीड़भाड़ वाली जगहों और संवेदनशील इलाकों में लगाए जाते हैं।

आपको बता दें कि भारत में चार बार युद्ध सायरन बजा है। इतिहास के पन्नों को पलटें तो 1962 के चीन युद्ध के दौरान भी इस तरह के सायरन का इस्तेमाल किया गया था। इसके तीन साल बाद यानी 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भी इस सायरन को बजाया गया था। इसके बाद 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भी कुछ जगहों पर इस सायरन का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, आखिरी बार देश भर में युद्ध सायरन 1971 में बजाया गया था।

मॉक ड्रिल के दौरान सायरन बजते ही नागरिकों को तुरंत खुली जगहों से पास के सुरक्षित घरों, बंकरों या तहखानों में चले जाना होगा। घबराहट से बचना और शांति से निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी होगा। सरकारी रेडियो, टीवी या चेतावनी प्रणाली से मिलने वाली सूचनाओं पर ध्यान देना और अफवाहों से दूर रहना जरूरी है।

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को यह सिखाना है कि 5 से 10 मिनट में सुरक्षित स्थान पर कैसे पहुंचा जाए और आपातकाल के समय कैसे धैर्य बनाए रखा जाए। इस अभ्यास के माध्यम से आपातकालीन स्थितियों में लोगों की प्रतिक्रिया क्षमता को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

आधुनिक समय में खतरे केवल पारंपरिक युद्ध तक सीमित नहीं हैं। हवाई हमलों, ड्रोन हमलों या साइबर हमलों जैसी गंभीर स्थितियों में आम नागरिकों की सतर्कता और जवाबदेही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह मॉक ड्रिल न केवल उन्हें तैयार करेगी बल्कि प्रशासन की तैयारियों को भी परखेगी।

इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अफवाहों से बचें। यह मॉक ड्रिल लोगों की सुरक्षा के लिए ही आयोजित की जा रही है और आपातकालीन स्थिति में किसी भी तरह से घबराएं नहीं। अफवाहों से दूर रहें क्योंकि ऐसे समय में कुछ असामाजिक तत्व अफवाह फैलाकर आपको परेशानी में डाल सकते हैं।