पत्रकार कुलदीप सिंघोरिया को आधी रात को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, जानें मामले की जिटेल


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स्टोरी हाइलाइट्स

पत्रकार कुलदीप सिंघोरिया के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करने के विरोध में मीडियाकर्मियों ने कटारा हिल्स थाने पर विरोध प्रदर्शन किया..!!

भोपाल में पत्रकार कुलदीप सिंघोरिया को कटारा हिल्स पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के खिलाफ भोपाल के मीडियाकर्मियों ने थाने पर धरना शुरू कर दिया। पत्रकारों का आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी ठोस जांच के ही दुर्घटना मामले में कुलदीप के खिलाफ बाधा पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप लगा दिए। 

पत्रकारों ने थाने के टीआई के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक पुलिस प्रशासन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। इधर, पुलिस ने दोपहर बाद सिंगोरिया को जेल भेज दिया। सिंगोरिया की ओर से अदालत में जमानत के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई की जा रही है।

पत्रकार कुलदीप सिंघोरिया ने 'झूठी' एफआईआर मामले को लेकर डीजे से संपर्क किया है। इस विवाद में डीजीपी कैलाश मकवाना ने ईडी के फैसले के खिलाफ अपील दायर की है। इस मामले के जांच अधिकारी सीपी अवधेश गोस्वामी को नियुक्त किया गया है। अब यह जांच अवधेश गोस्वामी के नेतृत्व में की जाएगी।

धरने पर बैठे पत्रकारों ने आरोप लगाया कि कुलदीप सिंघोरिया को सोमवार आधी रात को गिरफ्तार किया गया, जबकि जिस कार से दुर्घटना होने का आरोप है, वह न तो कुलदीप की थी और न ही उसमें कुलदीप मौजूद था। इतना ही नहीं, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उन्होंने बिना कोई ठोस जांच किए ही फेसबुक के आधार पर कुलदीप का नाम एफआईआर में शामिल कर दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने गिरफ्तारी के समय कुलदीप का फोन छीन लिया तथा उसके परिजनों या दोस्तों को कोई जानकारी नहीं दी। दुर्घटना की स्थिति में मोबाइल फोन जब्त करने का कोई स्पष्ट आधार नहीं है।

FIR में दावा किया गया है कि दुर्घटना में कुलदीप सिंघोरिया की कार शामिल थी, लेकिन कार कुलदीप की नहीं थी और न ही वह सफेद बोलेरो में बैठे थे। दुर्घटना जैसे मामूली मामले में बाधा उत्पन्न करने की गैर-जमानती धारा लगाना अवांछनीय एवं असामान्य है, जिससे मामला संदिग्ध हो जाता है। शिकायतकर्ता कुलदीप को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता था और फेसबुक के आधार पर उसका नाम एफआईआर में शामिल कर दिया गया, जो बिना किसी जांच के किया गया।

पत्रकारों का कहना है कि इस मामले में कई ऐसे मुद्दे हैं जो इसे गलत साबित करते हैं। इधर, पत्रकारों के समर्थन में भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल भी कटारा हिल्स थाने पहुंचे और मुख्यमंत्री डॉ. को तत्काल कार्रवाई की जानकारी दी। मोहन यादव से बात की। उन्होंने मामला मुख्यमंत्री के ध्यान में लाते हुए थाना प्रभारी को निलंबित करने की मांग की।

शिकायतकर्ता शेख अकील (33 वर्ष) ने कटारा हिल्स पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। 20 मार्च 2025 को शेख अकील और उनके दोस्त फैजान का एम्स अस्पताल से बागसेवनिया जाते समय एक्सीडेंट हो गया था। शेख अकील अपनी एक्सिस गाड़ी (नंबर MP04-JAL-0519) में थे और फैजान एक्टिवा पर थे। जैसे ही वे विवेकानंद कॉलोनी के पास पहुंचे, एक सफेद बोलेरो कार ने तेज गति और लापरवाही से उनकी कार को टक्कर मार दी। टक्कर के कारण शेख अकील कार से गिर गए और उनके दाहिने हाथ में चोट लग गई।

गाड़ी रुकते ही बोलेरो में सवार 5-6 लोग बाहर निकले और शेख अकील को गाली देने लगे। उन्होंने शेख अकील पर हमला किया और 50,000 रुपये की मांग करते हुए कहा कि उन्हें कार को हुए नुकसान की भरपाई करनी होगी। शेख अकील के दोस्त फैजान ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने उसकी एक न सुनी। 

शेख अकील को जान से मारने की धमकी दी गई तथा उनकी कार रोकने के लिए उन्हें धमकाने का प्रयास किया गया। शेख अकील किसी तरह फैजान के साथ वहां से भागने में सफल रहा। शेख अकील ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने इस मामले में पत्रकार कुलदीप सिंघोरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

कुछ महीने पहले भोपाल के पत्रकार कुलदीप सिंघोरिया ने नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना पर कई आरोप लगाए थे। दरअसल, पत्रकार सिंगोरिया ने जिले में खाद के लिए परेशान किसानों पर लाठीचार्ज की खबर दी थी। बताया जाता है कि इससे कलेक्टर सोनिया मीना नाराज हो गईं। 

उन्होंने पत्रकार के बारे में जानकारी एकत्र की। पत्रकार कुलदीप सिंघोरिया की बहन ज्योति नर्मदापुरम जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बताई गई। पत्रकार ने आरोप लगाया कि उनकी बहन और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ज्योति बरडिया को जांच और नोटिस के जरिए परेशान किया जा रहा है। वहीं, कुलदीप ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपील की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और तब तक कलेक्टर सोनिया मीना को इस मामले से दूर रखा जाए।