स्टोरी हाइलाइट्स
भोपाल: जंगल राज में आदिवासियों की दो से अधिक संतान होना मानो उनके लिए नौकरी पर बात बन आई हो.यही नहीं, बांधवगढ़ नेशनल पार्क प्रबंधन ने एक सहायक महावत को..
MP: जंगल महकमे में मनमानी, तीन संतान की आड़ में छीनी नौकरी,दो से अधिक संतानों पर दिया नोटिस..
भोपाल: जंगल राज में आदिवासियों की दो से अधिक संतान होना मानो उनके लिए नौकरी पर बात बन आई हो. यही नहीं, बांधवगढ़ नेशनल पार्क प्रबंधन ने एक सहायक महावत को नौकरी से ही निकाल दिया है. तीन अन्य को नोटिस जारी किया है. इन सहायक महावतों की सुनने को कोई तैयार नहीं है. नौकरी को बचाने के लिए सहायक महावत नारायण प्रसाद न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.
प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा की संख्या कम हो रही है. वही दो से अधिक संतान होने पर बांधवगढ़ नेशनल पार्क प्रबंधन उन्हें नौकरी से निकाल रहा है. ऐसे में उन्हें अपनी संतानों को जीवित बचाए रखने का संकट खड़ा हो गया है. पार्क प्रबंधन ने सहायक महावत के पद पर पदस्थ लालजी बैगा, राजेंद्र कुमार यादव, नारायण प्रसाद सोनी और धनु लाल बर्मन को दो से अधिक संतान होने पर 8 मार्च 2019 नौकरी से हटाने का नोटिस दिया था. इनमें से नारायण प्रसाद सोनी को छोड़कर शेष अन्य किसी को भी नौकरी से नहीं हटाया गया है. नौकरी बचाने के लिए नारायण प्रसाद सोनी न्यायालय में याचिका दाखिल की है.
* और भी सहायक महावतों के हैं दो से अधिक संतानें
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में दो से अधिक संतान होने पर अकेले नारायण प्रसाद को ही नौकरी गंवानी पड़ी है. लेकिन, आधा दर्जन सहायक महावत के भी दो से अधिक संतान है और उनके खिलाफ आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई. सवाल यह उठता है कि एक कहीं मापदंड पर अलग-अलग कार्रवाई क्यों की जा रही है? यानी सहायक महावत ददुआ यादव (4 संतान), शिवप्रसाद बैगा (3 संतान), नीलम सिंगार (3 संतान), धानु बर्मन (3 संतान), रामचंद्र बैगा (4 संतान) जानू बैगा (4 संतान), उदय सिंह (4 संतान) और तेज लाल (3 संतान).
* अधिकारियों पर उठते सवाल
दो से अधिक संतान होने के दोषी सहायक महावत को कसूरवार मान के नौकरी से निकालने की कार्रवाई की गई किंतु उन अधिकारियों पर की कार्रवाई होनी चाहिए जिन्होंने गीत की पत्र देने से पहले उनके दस्तावेज का परीक्षण ठीक से नहीं किया था. अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक समिता राजौरा (शिकायत एवं सतर्कता) कहती हैं कि दो से अधिक संतान होने पर पदोन्नति व वेतन वृद्धि पर रोक लगाई जा सकती है किंतु नौकरी से निकालने की कार्रवाई अनुचित है. इनका कहना है नोटिस 18 साल से कम उम्र में शादी करने का दिया गया था. नौकरी से उन्हें हटाया गया है, जिनकी तीसरी संतान 26 जनवरी 2001 के पश्चात उत्पन्न हुई है.