बसपा सुप्रीमो ने सांसद दानिश अली पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निकाल दिया है। बसपा की ओर से जारी बयान में उन्होंने कहा कि उन्हें कई बार मौखिक रूप से समझाइश दी गई। बावजूद इसके वह पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के खिलाफ बयान देने से बाज नहीं आए। जिसके चलते उन पर ये कार्रवाही की गई।
बीएसपी ने इसे लेकर एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया, ''साल 2018 में दानिश अली कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जनता पार्टी के सदस्य के रूप में काम कर रहे थे। 2018 के कर्नाटक आम चुनाव में, बहुजन समाज पार्टी और जनता पार्टी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था। दानिश अली ने प्रतिनिधित्व किया था इस चुनाव में देवेगौड़ा की पार्टी काफी सक्रिय रही। उस समय कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद एचडी देवेगौड़ा के अनुरोध पर दानिश अली को अमरोहा से बसपा का उम्मीदवार बनाया गया।

बीएसपी ने आगे कहा, ''दानिश अली को टिकट देने से पहले एचडी देवेगौड़ा ने आश्वासन दिया था कि वह हमेशा बहुजन समाज पार्टी की सभी नीतियों का पालन करेंगे और पार्टी के हित में काम करेंगे। इस आश्वासन को दानिश अली ने भी दोहराया था।'' जिसके बाद उन्हें बसपा की सदस्यता दी गई।''
पार्टी ने कहा, ''अमरोहा से चुनाव लड़ने और जीतने के बाद उन्हें लोकसभा में भेजा गया था, लेकिन अपने द्वारा दिए गए आश्वासन को भूलकर वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे। इसलिए अब उन्हें पार्टी के हित में तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।”

सितंबर 2023 में संसद के विशेष सत्र के दौरान बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद कई प्रमुख विपक्षी ताकतों के नेताओं ने उनका समर्थन किया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उनके आवास पर जाकर उनसे मुलाकात भी की। दानिश अली शुक्रवार (8 दिसंबर) को टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के समर्थन में संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन का भी हिस्सा बने।