टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द होने पर मुख्यमंत्री और टीएमसी पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह गणतंत्र की हत्या है।
'महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने पर उन्होंने कहा लोकसभा के फैसले के कुछ ही मिनट बाद लोकतंत्र की बाइपास सर्जरी हो गई है। "आज मुझे बीजेपी पार्टी का रवैया देखकर दुख हो रहा है। उन्होंने लोकतंत्र को कैसे धोखा दिया...उन्होंने महुआ को अपना रुख स्पष्ट करने की अनुमति नहीं दी। सरासर अन्याय हुआ है।"
आपको बता दें, कैश-फॉर-क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। शुक्रवार को एथिक्स कमेटी की जांच रिपोर्ट लोकसभा में पेश की गई। रिपोर्ट में की गई सिफारिश के आधार पर वोटिंग के बाद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई।
लोकसभा में एथिक्स कमेटी की सिफारिश पर वोटिंग हुई। इसके बाद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई। चर्चा के दौरान कांग्रेस ने इस बात पर आपत्ति जताई कि रिपोर्ट सदन में पेश किए जाने के महज 2 घंटों के बाद ही चर्चा कराई जा रही है। कांग्रेस ने रिपोर्ट पढ़ने के लिए 3-4 दिन का समय मांगा था।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा है कि एथिक्स कमेटी के पास किसी को सजा देने का अधिकार नहीं है। उन्होंने भाजपा पर भी आरोप लगाया कि व्हिप जारी करके सदस्यों को महुआ मोइत्रा के खिलाफ फैसला लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है।
टीएमसी ने मांग उठाई कि पार्टी की ओर से महुआ मोइत्रा को बात रखने की अनुमति दी जाना चाहिए। वहीं भाजपा की ओर से हिना गावित ने चर्चा में हिस्सा लिया और कहा कि यह सामान्य मामले नहीं है। इसके कारण पूरे देश में सांसदों की छवि खराब हुई है।
एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट रिपोर्ट के मुताबिक़ महुआ मोइत्रा के अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक आचरण को देखते हुए, समिति भारत सरकार द्वारा समयबद्ध तरीके से गहन, कानूनी, संस्थागत जांच की सिफारिश करती है।
महुआ मोइत्रा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तलवार भी लटक रही है। माना जा रहा है कि कई अन्य सांसद भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। महुआ मोइत्रा के खिलाफ सबसे बड़ा आरोप यह है कि संसद सदस्य के रूप में उनके आईडी से कई देशों में लॉगिन किया गया। इसी अकाउंट के जरिए संसद में सवाल पूछे जाते हैं। आरोप है कि उद्योगपति गौतम अडाणी के खिलाफ महुआ मोइत्रा का इस्तेमाल हुआ है।