यह बीजेपी के अंत की शुरुआत... संसद से निष्कासन पर भड़कीं महुआ मोइत्रा


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स्टोरी हाइलाइट्स

कैश-फॉर-क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद लोकसभा से निष्कासित..!

कैश-फॉर-क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को शुक्रवार 8 दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। संसद की आचार समिति की रिपोर्ट आज सदन में पेश होने के बाद यह फैसला लिया गया। इसके साथ ही लोकसभा की कार्यवाही 11 दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

टीएमसी नेता महुआ ने अपने निष्कासन के बाद संसद के बाहर कहा, "मैं 49 साल की हूं, मैं अगले 30 वर्षों तक संसद के अंदर और बाहर आपसे लड़ूंगी।" आचार समिति के पास निष्कासित करने की कोई शक्ति नहीं है। यह आपके (भाजपा) लिए अंत की शुरुआत है।

महुआ मोइत्रा ने आगे कहा कि अगर मोदी सरकार सोचती है कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे को खत्म कर देंगे, तो मैं आपको बता दूं कि आपने जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, वह संसद ने पूरे भारत को दिखाया है। अडानी कितने महत्वपूर्ण हैं? आपके लिए? "आप एक महिला सांसद को वश में करने और उस पर लगाम लगाने के लिए उसे किस हद तक परेशान कर सकते हैं?"

वहीं, महुआ मोइत्रा को संसद से निकाले जाने के बाद पार्टी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ''महुआ मोइत्रा को न्याय नहीं मिला है।'' मोइत्रा के निष्कासन पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह आधारहीन तथ्यों पर आधारित और बदले की भावना से लिया गया फैसला है।

आपको बता दें, कैश-फॉर-क्वेरी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। शुक्रवार को एथिक्स कमेटी की जांच रिपोर्ट लोकसभा में पेश की गई। रिपोर्ट में की गई सिफारिश के आधार पर वोटिंग के बाद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी  गई।

एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि महुआ मोइत्रा के अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक आचरण को देखते हुए, समिति भारत सरकार द्वारा समयबद्ध तरीके से गहन, कानूनी, संस्थागत जांच की सिफारिश करती है।