महिला आरक्षण बिल गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही अपने वक्तव्य में कहा कि बिल पारित होने को संसदीय यात्रा का स्वर्णिम पल बताया साथ ही कहा कि इससे देश की मातृशक्ति का जो मिजाज बदलेगा और जो विश्वास पैदा होगा वो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली अकल्पनीय शक्ति बनकर उभरेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कल भारत की संसदीय यात्रा का स्वर्णिम पल था। इस सदन के सभी सदस्य उस स्वर्णिम पल के हकदार हैं...कल का निर्णय और आज जब हम राज्यसभा (बिल पारित होने) के बाद आखिरी पड़ाव पार कर लेंगे, तो देश की मातृशक्ति का जो मिजाज बदलेगा और जो विश्वास पैदा होगा वो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली अकल्पनीय शक्ति बनकर उभरेगा। ये मैं अनुभव करता हूं।
महिला आरक्षण बिल 20 सितंबर को लोकसभा में पास हो चुका है। बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि 2 वोट इसके खिलाफ पड़े। पर्ची के जरिए हुई वोटिंग में AIMIM पार्टी के दो सांसदों असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने विरोध में वोट डाले।
राज्यसभा में मौजूदा समीकरणों के बारे में बात करें तो इस बिल को राज्यसभा से मंजूरी मिलने में भी की अड़चन नहीं आने की उम्मीद की जा रही है। राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 240 है, जिनमें से 5 सीटों पर फिलहाल कोई उम्मीदवार नहीं है। यानी पांच सीटें खाली हैं। राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए 160 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी। वर्तमान में, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के पास 114 राज्यसभा सदस्य हैं। जबकि विपक्षी INDIA गठबंधन के पास 98 सदस्य हैं और अन्य 28 राज्यसभा सांसद हैं।
पुराण डेस्क