आठ राज्यों में राजभवन का नाम अब लोक भवन के नाम से जाना जाएगा। मोदी सरकार ने कॉलोनियल दौर को मिटाने के लिए राजभवन का नाम बदलकर लोक भवन कर दिया है। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद, तमिलनाडु, केरल, असम, उत्तराखंड, ओडिशा, गुजरात, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में राजभवन का नाम बदलकर लोक भवन कर दिया गया है।
इसी तरह, लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर के घर का नाम अब लोक भवन होगा। यह बदलाव गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एक निर्देश के बाद किया गया है। पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, तमिलनाडु, केरल, असम, ओडिशा, गुजरात और त्रिपुरा में राजभवन का नाम बदल दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में राजभवन का नाम बदला गया। राज्यपाल के सरकारी घर का नाम राजभवन से बदलकर लोकभवन करने का फैसला किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राजभवन अब लोकभवन के नाम से जाना जाएगा।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एक लेटर के मुताबिक, राज्यपाल के सेक्रेटरी डॉ. सी.आर. प्रसन्ना ने राजभवन का नाम बदलकर लोकभवन करने का ऑर्डर जारी किया है। राज्यपाल के सेक्रेटरी ने बताया कि राजभवन का नाम बदलकर लोकभवन करने का सुझाव 2024 के गवर्नर्स कॉन्फ्रेंस में दिया गया था। इसके मुताबिक, गृह मंत्रालय की तरफ से जारी लेटर के मुताबिक, अब सभी सरकारी कामों के लिए राजभवन का नाम लोक भवन ही पढ़ा और लिखा जाएगा।
तेलंगाना राजभवन का बदला नाम
तेलंगाना के राज्यपाल के सरकारी घर, राजभवन का भी मंगलवार को नाम बदलकर लोकभवन कर दिया गया। राज्यपाल के ऑफिस की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि अब से तेलंगाना राजभवन को लोकभवन, तेलंगाना के नाम से जाना जाएगा। रिलीज़ में कहा गया है कि यह कदम हमारे डेमोक्रेटिक मूल्यों की ताकत और ज़िंदादिली को दोहराने के लिए उठाया गया है, क्योंकि हम आत्मविश्वास के साथ एक विकसित भारत की ओर बढ़ रहे हैं।
राजस्थान का राजभवन अब होगा लोकभवन
राजस्थान का राजभवन अब लोकभवन के नाम से भी जाना जाएगा। इस बारे में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। लोकभवन के एक बयान के मुताबिक, गवर्नर हरिभाऊ बागड़े द्वारा जारी आदेशों के तहत, राजभवन अब लोकभवन के नाम से जाना जाएगा। इस बारे में नोटिफिकेशन गवर्नर बागड़े की पहल पर जारी किया गया था। यह नोटिफिकेशन 1 दिसंबर, 2025 से लागू होगा। गवर्नर ने एक बयान में कहा कि लोकभवन का नाम बदलना कॉलोनियल सोच से हटकर डेमोक्रेटिक भारतीय संस्कृति की ओर बढ़ने की एक बड़ी पहल है।
राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ भी किया गया
नाम बदलने के पीछे सरकार का तर्क यह है कि हर नाम, हर इमारत और हर निशान अब इस सीधी सी बात की ओर इशारा करता है कि सरकार सेवा के लिए है। सरकार ने हाल ही में राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया है। 2016 में, प्रधानमंत्री के सरकारी आवास का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया गया था।
अधिकारियों का कहना है कि यह नाम खासियत के बजाय भलाई की भावना दिखाता है। एक बड़े एडमिनिस्ट्रेटिव हब, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट का नाम बदलकर कर्तव्य भवन कर दिया गया है, जिसे इस सोच के साथ बनाया गया है कि पब्लिक सर्विस एक कमिटमेंट है। अधिकारियों ने कहा कि ये बदलाव एक बड़े आइडियोलॉजिकल बदलाव को दिखाते हैं। भारतीय डेमोक्रेसी पावर के बजाय ज़िम्मेदारी और पद के बजाय सेवा को चुन रही है।
पुराण डेस्क