भोपाल। राज्य के राजस्व विभाग ने बिना डायवर्सन कराये अन्य प्रयोजन में उपयोग वाली भूमियों के संबंध में कार्यवाही करने के लिये सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किये हैं। जारी निर्देश में कहा गया है कि अनेक भूमि स्वामी विधिवत डायवर्सन कराने में चूक करते हैं और भूमि को अन्य प्रयोजनों में उपयोग में लाते हैं।
उपखण्ड अधिकारी को यह शक्ति प्राप्त है कि वह स्वप्रेरणा से या ऐसी जानकारी प्राप्त होने पर बिना डायवर्सन वाली भूमि पर भू-राजस्व का निर्धारण करे, साथ ही देय कुल रकमें पचास प्रतिशत के बराबर जुर्माना लगाये, लेकिन यह कार्यवाही बिना डायवर्सन कराये अन्य प्रयोजन में भूमि के उपयोग की वास्तविक तारीख से अधिकतम 5 वर्ष की अवधि में ही की जा सकती है।
राजस्व आय बढ़ाने के लिये ऐसे मामलों में अभियान चलाकर कार्यवाही की जाये तथा उपखण्ड अधिकारी ऐसे मामलों की हर पन्द्रह दिन में समीक्षा करें, जबकि प्रमुख राजस्व आयुक्त द्वारा सभी जिलों से नियमित विवरण प्राप्त कर मासिक समीक्षा की जाये।
इस मामले में दी छूट :
निर्देश में कहा गया है कि नगरेत्तर क्षेत्रों में 200 वर्ग मीटर तक की आवासीय भूमि एवं 40 वर्ग मीटर तक की वाणिज्यिक प्रयोजन वाली भूमि जोकि विकास योजना की सीमा से बाहर स्थित है, पर कोई भू-राजस्व देय नहीं होगा तथा कोई प्रीमीयम भी नहीं लिया जायेगा।