भोपाल: मप्र में अब भूमि संबंधी विवादों के राजस्व प्रकरणों में दोनों पक्षों पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही होगी। इसके निर्देश मुख्य सचिव अनुराग जैन ने एक समीक्षा बैठक में राजस्व विभाग को दिये हैं। बैठक में बताया गया कि भूमि संबंधी विवाद के परिणाम स्वरुप कानून एवं व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने के साथ अपराध घटित होने की आशंका बनी रहती है। इसलिये ऐसे राजस्व प्रकरण जिनमें दो पक्षों के मध्य विवाद की संभावना निर्मित हो, के संबंध में प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाये।
जारी होंगे नये परिपत्र :
समीक्षा बैठक में दो मामलों में राजस्व विभाग को नये परिपत्र जारी करने के निर्देश मुख्य सचिव ने दिये। एक, भू-अर्जन प्रकरणों के निराकरण में भू अर्जन अधिनियम की धारा 28 एवं 29 के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जाये।
उल्लेखनीय है कि धारा 28 मुआवजे की गणना एवं उसके भुगतान में देरी पर 12 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज भुगतान से संबंधित है जबकि धारा 29 भूमि के अधिग्रहण के लिये उचित प्रक्रिया और सूचना के प्रावधानों से संबंधित है जिसमें अधिग्रहण से प्रभावित भूमि स्वामी को प्रत्येक कार्यवाही की सूचना देने एवं उस पर भूमि स्वामी को अपनी बात रखने के अवसर को देने के बारे में है।
दो, राजस्व प्रकरणों विशेषकर नामांतरण के मामलों का निराकरण वर्तमान राजस्व अभिलेख में दर्ज प्रविष्टि अनुसार किया जाये। यदि किसी प्रकरण में वर्ष 1959 या उससे पूर्व के अभिलेख की आवश्यक्ता हो, तो राजस्व अधिकारी अपने स्तर से तहसील/जिला अभिलेखागार से प्राप्त कर कार्यवाही करें।