अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ चुकी है, इस रिपोर्ट में बताया गया है कि विमान के दोनों फ़्यूल कंट्रोल स्विच, विमान के टेक ऑफ़ होते ही कट-ऑफ़ पोज़िशन में चले गए थे, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग से पता चला है कि एक पायलट दूसरे पायलट से पूछता है कि उसने 'कट-ऑफ़ क्यों किया?' तो दूसरा पायलट इसका जवाब देता है कि "उसने ऐसा नहीं किया।" इससे साफ़ पता चलता है कि उस समय कॉकपिट में अफ़रा-तफ़री मची हुई थी।
इंजन फेल होने और ईंधन स्विच कट जाने से हुई दुर्घटना को लेकर केंद्रीय मंत्री के. राम मोहन नायडू ने कहा कि अंतिम रिपोर्ट आने तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने पायलटों और चालक दल के सदस्यों की कड़ी मेहनत की सराहना की और कहा कि वे नागरिक उड्डयन क्षेत्र की रीढ़ हैं। तकनीकी मामलों की गहन जाँच ज़रूरी है क्योंकि प्रारंभिक रिपोर्ट केवल शुरुआती संकेत देती है।
हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना इंजन फेल होने और ईंधन स्विच कट जाने के कारण हुई। अब इस मामले में केंद्रीय मंत्री के. राम मोहन नायडू ने एक बयान जारी कर जनता से अंतिम रिपोर्ट आने तक कोई निष्कर्ष न निकालने का अनुरोध किया है।
विमान अहमदाबाद के मेघना नगर इलाके में स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स हॉस्टल पर गिरा और उसमें आग लग गई। हादसे में विमान में सवार 241 लोगों की मौत हो गई, जबकि ज़मीन पर मौजूद 9 मेडिकल छात्रों की भी मौत हो गई।
एएआईबी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जाँच के बाद विमान में डाला गया ईंधन पूरी तरह से मानक पाया गया। एएआईबी ने कहा कि ईंधन की कमी के कारण दोनों इंजनों (एन1 और एन2) की घूर्णन गति कम होने लगी। इसके बाद, विमान की शक्ति कम हो गई और वह तेज़ी से नीचे गिरने लगा।