हेमंत खण्डेलवाल की पहल पर मप्र के पहले ताप्ती फारेस्ट कंजरवेशन रिजर्व को मिली मंजूरी


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स्टोरी हाइलाइट्स

बैतूल से लोकसभा सदस्य एवं केंद्र में जनजातीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने पिछले दिनों जब केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव से भेंट की थी तब उन्हें यादव ने ताप्ती रिजर्व बनने पर केंद्र में अतिरिक्त धनराशि देने का आश्वासन भी दिया था..!!

भोपाल: प्रदेश भाजपा के नवागत अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल की पहल पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मप्र के पहले फारेस्ट कन्जरवेशन रिजर्व को मंजूरी दे दी है और अब इसका नोटिफिकेशन होने जा रहा है। यह रिजर्व बैतूल जिले में ताप्ती नाम से है। बैतूल से लोकसभा सदस्य एवं केंद्र में जनजातीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने पिछले दिनों जब केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव से भेंट की थी तब उन्हें यादव ने ताप्ती रिजर्व बनने पर केंद्र में अतिरिक्त धनराशि देने का आश्वासन भी दिया था। 

दरअसल मुख्यमंत्री के पास तीन फारेस्ट कंजरवेशन रिजर्व के प्रस्ताव आये थे जिनमें पहला पूर्व कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह का राघौगढ़ में रिजर्व बनाने का था जबकि दूसरा बालाघाट जिले में सोनेवानी नाम से भी रिजर्व बनाने एवं तीसरा ताप्ती रिजर्व बनाने का प्रस्ताव था। यह संयोग है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री ने ताप्ती कंजरवेशन रिजर्व को सबसे पहले मंजूरी दी है। खण्डेलवाल बैतूल से भाजपा विधायक भी हैं तथा राज्य वन्यप्राणी बोर्ड के मेम्बर भी हैं।

उल्लेखनीय है कि बैतूल जिले के अंतर्गत दक्षिण बैतूल सामान्य वनमंडल के ताप्ती रेंज का 84.006 वर्ग किमी, पश्चिम बैतूल सामान्य वनमंडल के अंतर्गत चिचौली रेंज का 65.205 वर्ग किमी एवं तावड़ी रेंज का 100.789 वर्ग किमी क्षेत्र, इस प्रकार कुल 250 वर्ग किमी वन क्षेत्र को ताप्ती कंजरवेशन रिजर्व बनाया गया है। तीन रेंज की 129 बीट में 224.844 वर्ग किमी आरक्षित तथा 25.156 वर्ग किमी संरक्षित वन क्षेत्र इसमें शामिल किया गया है। 

इस रिजर्व में कोई भी राजस्व ग्राम एवं वन ग्राम शामिल नहीं है और न ही इसमें किसी के पास इसमें वनाधिकार कानून के तहत पट्टा ही दिया गया है। इस रिजर्व में बाघ, तेंन्दुआ, भालू, भेडक़ी, चीतल, कोटरी, नीलगाय, जंगली सूअर, लकड़बग्गा, लंगूर आदि वन्यप्राणी पाये जाते हैं। इस रिजर्व के 5 किमी दायरे में 39 ग्राम हैं जिनकी लकड़ी की व्यवस्था शासकीय वन डिपो से की जाती है। 39 में से 37 ग्रामों ने इस रिजर्व को बनाने की सहमति दी हुई है।