मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होकर और 8 अगस्त 2025 तक चलेगा। विधानसभा का मानसून सत्र 12 दिनों का होगा। सदन में कुल 10 बैठकें होंगी।
मध्य प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले वंदे मातरम का गान हुआ। सचिवालय कर्मचारियों ने ड्रेस कोड में सदन में प्रवेश किया।
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सदन के सदस्यों ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए 2 मिनट का मौन रखा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा के पूर्व सदस्यों, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय कुमार रूपाणी को श्रद्धांजलि अर्पित की। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए नौसेना अधिकारी सहित पर्यटकों को भी श्रद्धांजलि दी गई। सदन ने अहमदाबाद एयर इंडिया विमान दुर्घटना में मारे गए यात्रियों और मेडिकल के छात्रों को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले कांग्रेस ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ।
कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेसी हाथों में गिरगिट लेकर सदन में पहुँचे।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार गिरगिट की तरह रंग बदलती है।
X पर पोस्ट शेयर करते हुए सिंघार ने लिखा है, कि
प्रदेश की भाजपा सरकार OBC आरक्षण के मुद्दे पर गिरगिट की तरह रंग बदल रही है - न नीति स्पष्ट है, न नीयत साफ़।
जनता को गुमराह करने की इसी दोहरी नीति के खिलाफ़ आज कांग्रेस विधायक दल के साथ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन प्रतीकात्मक गिरगिट लेकर सरकार की चालाकी और अवसरवादिता का विरोध दर्ज कराया, साथ ही, OBC को 27% आरक्षण देने और जातिगत जनगणना में पारदर्शिता की माँग को लेकर विधानसभा परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
जब सुप्रीम कोर्ट जवाब माँगता है, तब सरकार चुप्पी साध लेती है। OBC समाज वर्षों से 27% आरक्षण की माँग कर रहा है, मगर सरकार न अदालत में जवाब देती है, न ज़रूरी डेटा प्रस्तुत करती है। भाजपा सरकार हर मोर्चे पर टालमटोल और बहानेबाज़ी करती है। OBC वर्ग को न्याय दिलाने की यह लड़ाई अब सड़क से लेकर सदन तक चलेगी।
कांग्रेस सरकार से कई मुद्दों पर जवाब मांगेगी। कांग्रेस विधानसभा में जल जीवन मिशन और पर्यावरणीय मंज़ूरियों में अनियमितताओं पर सरकार से जवाब मांगेगी। कांग्रेस कानून-व्यवस्था और अन्य भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरना शुरू करेगी। कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में चर्चा के लिए एक प्रस्ताव रखा जाएगा। अगर सरकार सहमत नहीं होती है, तो कांग्रेस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के ज़रिए इस पर चर्चा की तैयारी करेगी।
सत्र से पहले रविवार को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने विधानसभा का निरीक्षण किया और तैयारियों का जायजा लिया। तोमर ने कहा, 28 जुलाई से शुरू होकर 8 अगस्त तक चलने वाले सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्य इस सत्र में राज्य हित में कई विषयों पर चर्चा करेंगे। 2000 प्रश्न भी आए हैं, ध्यान आकर्षित करने वाली भी कोई बात है। विधानसभा में कई विषयों पर चर्चा होती है। मुझे विश्वास है कि इस बार भी यह प्रदेश की जनता के हित में होगा। नए नियमों के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस बार विधानसभा का सर्कुलर जारी हो गया है। हर सत्र से पहले ऐसा अनुरोध किया जाता है। विधानसभा में यही नियम है और परंपरा के अनुसार है, इसमें कुछ भी नया नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि नए नियम से लोकतंत्र को कोई खतरा नहीं है और न ही व्यवस्था में कोई बदलाव किया जा रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि यह सत्र गरिमा और नियमों के साथ चले। व्यवस्था बनाए रखने के लिए जो भी आवश्यक हो, किया जाए। बताया जा रहा है कि विधानसभा के मानसून सत्र से पहले एक बड़ा फैसला लिया गया है। इसके तहत विधानसभा परिसर में किसी भी तरह की नारेबाजी या प्रदर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
सदन में कुल 10 बैठकें होंगी। बजट सत्र की अधिसूचना जारी होने के बाद, कुल 3377 प्रश्नों में से 1718 तारांकित प्रश्न और 1659 अतारांकित प्रश्नों की जानकारी विधानसभा सचिवालय को प्राप्त हो चुकी है।
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ल, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री निर्मला भूरिया, प्रदुम सिंह तोमर अपने-अपने विभागों के निर्देश प्रस्तुत करेंगे।