सोमवार 28 जुलाई को संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही एक बार फिर हंगामे के साथ शुरू हुई।
ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकवादी पर लोकसभा में 16 घंटे लंबी बहस हंगामे से शुरू हुई। विपक्षी दल यहाँ नारेबाजी करते नज़र आए। विपक्षी सांसदों को शांत न होते देख, स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
1 बजे कार्यवाही फिर से शुरु हुई। इस दौरान भी विपक्षी सांसद हंगामा करते नज़र आए। विपक्षी सांसद एक बार फिर नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोंबीच आ गए। उनके हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही एक बार फिर दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्ष की ओर से राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव मोर्चा संभाला।
उधर, बिहार में चुनाव आयोग के 'SIR' अभियान के खिलाफ राज्यसभा में भी एक बार फिर हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दूसरी ओर, भाजपा ने संसद भवन के मकर द्वार पर सपा सांसद डिंपल यादव पर मौलाना साजिद रशीदी के आपत्तिजनक बयान के खिलाफ प्रदर्शन किया।
वरिष्ठ कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में हुए हंगामे पर कहा, 'हम पहलगाम पर चर्चा के लिए तैयार हैं, हमने अपने वक्ताओं की सूची भी दे दी है। हम वेल में भी नहीं गए, लेकिन सदन स्थगित हो गया।'
इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'SIR को लेकर सभी विपक्षी दलों की चिंताएँ जायज़ हैं। इसलिए हम पहले से ही सरकार से मांग कर रहे थे कि सरकार SIR पर चर्चा के लिए तारीख तय करे।' अब हम सरकार से बस यही आश्वासन चाहते हैं कि अगर वह तारीख़ न भी बताए, तो कम से कम यह तो कहे कि कार्य मंत्रणा समिति में 'SIR' के मुद्दे पर चर्चा होगी।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा से लगातार भाग रहे हैं। रिजिजू ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन विपक्ष ने आखिरी समय में नई शर्तें जोड़कर चर्चा को टालने की कोशिश की।
रिजिजू ने कहा कि एनडीए सरकार और सत्ता पक्ष इस मुद्दे पर दोपहर 12:15 बजे से ही चर्चा शुरू करने के लिए तैयार हैं। लेकिन बहस शुरू होने से ठीक 10 मिनट पहले विपक्षी दलों ने एक नया प्रस्ताव रखा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद 'SIR' पर भी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'आप ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से भाग रहे हैं... मैं आपसे पूछना चाहता हूँ क्यों? संसद चलाने का यह तरीका नहीं है। यह विश्वासघात है... यह ठीक नहीं है।'
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, 'पहले आप ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की माँग करते हैं, फिर सदन के वेल में आ जाते हैं। अगर आप बहस में हिस्सा लेना चाहते हैं, तो कृपया अपनी सीट पर बैठ जाएँ। क्या आप ऑपरेशन सिंदूर पर बहस चाहते हैं या नहीं? ...क्या मुझे सदन की कार्यवाही स्थगित कर देनी चाहिए?'
विपक्ष पर अध्यक्ष ओम बिरला की इन बातों का भी कोई असर नहीं हुआ और विपक्षी सांसद लोकसभा में नारेबाजी करते रहे। ऐसे में सदन की कार्यवाही दोपहर 1:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्षी दलों के हंगामे पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘पिछले एक सप्ताह से आप सदन की कार्यवाही इसलिए बाधित कर रहे थे कि आप ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करना चाहते थे। अब जब सदन में यह ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कराने पर सहमति हो गई है तो फिर सदन की कार्यवाही क्यों बाधित की जा रही है। देश आपसे जानना चाह रहा है कि आप आज प्रश्न काल क्यों स्थगित करा रहे हैं। प्रश्न काल बहुत महत्वपूर्ण समय होता है, सरकार की जवाबदेही तय करने का समय होता है, आपका अपना समय होता है। एक तरफ तो आप सदन चलाने की बात करते हैं और दूसरी तरफ नियोजित रूप से आप प्रश्न काल को बाधित करते हैं। आपको देश को जवाब देना होगा कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं।’
सोमवार 28 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर एक बड़ी चर्चा होनी है, जिस पर पूरा देश नज़रें गड़ाए हुए है। हालांकि, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल नारेबाजी करते नज़र आए।
सरकार ने भी इस पर चर्चा के लिए वक्ताओं की अपनी फौज तैयार कर ली है। विपक्ष इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग पर अड़ा है, वहीं सरकार ने रणनीतिक समय और चेहरों के चयन के ज़रिए विपक्ष की धार को नियंत्रित करने की रणनीति बनाई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करेंगे। उसके बाद जय पांडा बोलेंगे, इस दौरान तेजस्वी सूर्या का नाम दिया गया है, लेकिन समय अभी तय नहीं हुआ है। विदेश मंत्री जयशंकर शाम 7:30 से 8 बजे के बीच बोलेंगे।
कहा जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगले दिन सुबह चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं। अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर कब हस्तक्षेप करेंगे।