सात जिलों से प्राप्त किये गये लघु वनोपज के निर्यात के जैविक प्रमाण-पत्र


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स्टोरी हाइलाइट्स

लघु वनोपज महुआ का लंदन के लिये निर्यात किया गया था..!!

भोपाल: राज्य के वन विभाग ने अपने वन क्षेत्र में संग्रहित लघु वनोपजों के निर्यात के लिये जैविक प्रमाण-पत्र लेने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। 

अभी तक सात जिलों उमरिया, अलीराजपुर, दक्षिण बैतूल, पश्चिम बैतूल, पश्चिम मंडला, खंडवा, सीधी एवं सीहोर की जिला लघु वनोपज जिला यूनियनों से 78 हजार 519.62 हेक्टेयर वन क्षेत्र के लिये जैविक प्रमाण-पत्र प्राप्त किये जा चुके हैं। जबकि तीन अन्य जिलों नर्मदापुरम, पूर्व मंडला एवं पूर्व छिंदवाड़ा की जिला यूनियनों से 40 हजार 684.61 हेक्टेयर वन क्षेत्र के लिये जैविक प्रमाण-पत्र लेने की कार्यवाही प्रचलित है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल भारी मात्रा में लघु वनोपज महुआ का लंदन के लिये निर्यात किया गया था परन्तु इसका जैविक प्रमाण-पत्र नहीं होने से यह महुआ नागपुर में ही गोदाम में पड़ा रहा और लंदन नहीं जा पाया। हालांकि इस महुआ के विक्रय का धन वन विभाग को मिल गया था। इसलिए अब इस साल से जैविक प्रमाण-पत्र लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है जिससे इनका विदेशों में निर्बाध रूप से निर्यात हो सके।