राकेश टिकैत ने कहा, हम 22 जुलाई से संसद जाएंगे, चाहें पुलिस हमें गिरफ्तार करें..


स्टोरी हाइलाइट्स

राकेश टिकैत: कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन एक बार फिर चर्चा में है। किसान संघों द्वारा की गई घोषणा के अनुसार 22 जुलाई से संसद तक मार्च..

राकेश टिकैत ने कहा, हम 22 जुलाई से संसद जाएंगे, चाहें पुलिस हमें गिरफ्तार करें..
 
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन (Kisan Andolan) एक बार फिर चर्चा में है। किसान संघों द्वारा की गई घोषणा के अनुसार 22 जुलाई से संसद (Parliament) तक किसान मार्च निकाला जाएगा। राकेश टिकैत ने कहा, "अगर पुलिस अनुमति नहीं देती है तो कोई बात नहीं, हम निश्चित रूप से जाएंगे, भले ही वे हमें गिरफ्तार करें।"


Rakesh Tikait

राकेश टिकैत के अनुसार, ''आंदोलन पूरी दुनिया में हो रहा है। दिल्ली पुलिस जैसा चाहती है हम उसी तरह शांति से मोर्चा निकालेंगे।'' लेकिन सरकार ये नहीं चाहते कि हम मोर्चा निकाले क्योंकि इस समय सदन का सत्र चल रहा है।" लेकिन जब संसद से कृषि कानून पारित हुआ है तो हम विरोध करने के लिए रामलीला मैदान या किसी अन्य स्थान पर क्यों जाएं।


'कोई और रास्ता हो तो बताएं' :
  https://twitter.com/AHindinews/status/1417502132916260864?s=20   किसान नेता राकेश टिकैत ने आगे कहा कि, ' क्या हम संसद पहुंचकर सरकार बदल देंगे ? यह सिर्फ एक विरोध है। हम इस विरोध से दिखाना चाहते है कि हजारों लोग संसद के बहार चक्कर लगाते हैं। हम सिर्फ लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना चाहते हैं, सरकार हमें बताए कि क्या और कोई इससे आसान तरीका है। 26 जनवरी को हुई हिंसा को लेकर राकेश टिकैत ने कहा, ''हमने रिंग रोड की मांग की थी लेकिन उस समय इसकी इजाजत नहीं दी गई थी।'' वे ही थे जो हमें लाल किले तक ले गए, उन्होंने ही सड़क को अवरुद्ध किया और ग्रामीणों को सड़क का पता नहीं था।  
हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा :
  राकेश टिकैत ने गुरुवार के प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हुए कहा, " हम शांति से संसद जाएंगे।" हम संसद स्टेशन के बाहर अपना मंच स्थापित करेंगे और संसद खत्म होने पर वापस आ जाएंगे, इसका समय भी तय है। उल्लेखनीय है कि किसान पिछले एक साल से कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। दिल्ली के टिकरी, सिंधु और गीजापुर बॉर्डर पर हजारों किसानों ने बैरिकेड्स लगा रखे हैं। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब वह भी लंबे समय से बंद है। जब सरकार इससे खुश नहीं है तो किसान तीनों कानूनों को निरस्त करवाना चाहते हैं।   Latest Hindi News के लिए जुड़े रहिये Newspuran से।