शशि थरूर को मिली बड़ी जिम्मेदारी! ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार ने बनाया डेलीगेशन


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स्टोरी हाइलाइट्स

थरूर को मिली बड़ी जिम्मेदारी भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी है, ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की ओर से सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के आखिर में UNSC के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले हैं, ये सात डेलीगेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत के जीरो टॉलरेंस नीति को रखेंगे दुनिया के सामने..!

ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देकर भारत ने पाकिस्तान में छिपे आतंकियों की कमर तोड़ दी है और इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है। अब भारत अपनी नई योजना के तहत वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की तैयारी कर रहा है।

वैसे भी पीएम मोदी अक्सर अपने फैसलों से लोगों को चौंकाते रहते हैं। इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया है। मोदी सरकार ने रणनीति बनाई है और इसमें सिर्फ बीजेपी सांसदों को ही नहीं बल्कि विपक्षी दलों के सांसदों को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। ये सभी सांसद विभिन्न देशों में जाकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का पर्दाफाश करेंगे।

भारत सरकार द्वारा जारी की गई सूची में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भी शामिल किया गया है। थरूर और ओवैसी मोदी सरकार के विरोधी रहे हैं, फिर भी उन्हें प्रतिनिधिमंडल की सूची में क्यों शामिल किया गया है? आइए जानते हैं।

शशि थरूर को बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया है और थरूर को करीब से जानने वाले लोग अच्छी तरह जानते होंगे कि पीएम मोदी ने कितना बड़ा जुआ खेला है।

संयुक्त राष्ट्र में लंबा अनुभव रखने वाले थरूर कूटनीति के भी बड़े माहिर हैं। ऐसे में पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करने में थरूर की भूमिका अहम हो सकती है।

डेलीगेशन में शामिल किए जाने के बाद थरूर का रिएक्शन भी सामने आया है थरूर ने कहा है, कि मुझे हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के लिए पांच प्रमुख राजधानियों में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस हो रहा है।

जब राष्ट्रीय हित शामिल हो, और मेरी सेवाओं की आवश्यकता हो, तो मैं पीछे नहीं रहूँगा। जय हिंद!

कोफी अन्नान के बाद 2006 में भी थरूर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की दौड़ में थे, लेकिन वे महासचिव बनने से चूक गए थे।

शशि थरूर कूटनीति के सबसे बेहतरीन विशेषज्ञों में से एक हैं और उन्हें अलग-अलग देशों की प्रकृति और उस पर कैसे प्रतिक्रिया करनी है, यह बहुत अच्छे से पता है। कई मौकों पर उन्होंने पीएम मोदी की कूटनीति की तारीफ की है। शशि थरूर शुरू से ही ऑपरेशन सिंदूर के समर्थक रहे हैं और अब मोदी सरकार ने उन्हें प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद थरूर ने कई चैनलों पर दुनिया के सामने भारत का पक्ष रखा है।

आपको बता दें, कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की ओर से सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के आखिर में UNSC के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले हैं, ये सात डेलीगेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत के जीरो टॉलरेंस नीति को दुनिया के सामने रखेंगे, इनमें अलग-अलग दलों के संसद सदस्य शामिल हैं।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस से शशि थरूर, बीजेपी से रविशंकर प्रसाद, जेडीयू से संजय कुमार झा, बीजेपी से बैजयंत पांडा, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी से सुप्रिया सुले और शिवसेना से श्रीकांत एकनाथ शिंदे के नाम शामिल हैं।