कोरोना काल में सरकार की आकस्मिक निधि दुगुनी हुई: डॉ. नवीन जोशी


स्टोरी हाइलाइट्स

कोरोना काल में सरकार की आकस्मिक निधि दुगुनी हुई: प्रदेश की शिवराज सरकार के पास अब आकस्मिक खर्चों से निपटने के लिये हमेश........

कोरोना काल में सरकार की आकस्मिक निधि दुगुनी हुई.... अब आकस्मिक खर्चों के लिये प्रदेश सरकार के पास एक हजार करोड़ रहेंगे डॉ. नवीन जोशी भोपाल। प्रदेश की शिवराज सरकार के पास अब आकस्मिक खर्चों से निपटने के लिये हमेश एक हजार करोड़ रुपये रहेंगे। पहले 500 करोड़ रुपये हुआ करते थे। यह नया प्रावधान मप्र वित्त अधिनियम 2021 के लागू होने से हुआ है। उक्त प्रावधान लाने के लिये राज्य विधानसभा में तत्सम्बन्धी विधेयक पारित हुआ था जो अब राज्यपाल की मंजूरी से कानून बन गया है तथा 1 अप्रैल 2021 से प्रारंभ हुये वित्त वर्ष में यह क्रियान्वित हो गया है। दरअसल राज्य सरकार ने किसी आयोजन या विपदा पर धन की तत्काल व्यवस्था करने एवं सरकारी खजाने से राशि निकालने के लिये 64 साल पहले मप्र आकस्मिकता निधि अधिनियम 1957 बनाया था। उस समय इसमें दो करोड़ रुपये आकस्मिक खर्चों के लिये रखे गये थे जिसे बाद में समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा तथा यह 500 करोड़ रुपये तक हो गया था। वर्तमान कोरोना संक्रमण काल के मद्देनजर राज्य सरकार ने आकस्मिक खर्चों से निपटने के लिये यह राशि बढ़ाकर एक हजार करोड़ रुपये कर दी है। अब यह राशि साल भर में आकस्मिक कार्यों के लिये सीधे व्यय की जा सकेगी। राजकोषीय घाटा अब 4 प्रतिशत के बराबर : वित्त अधिनियम से राज्य सरकार ने यह भी सुविधा ले ली है कि उसका राजकोषीय घाटा वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में जीडीपी के 4 प्रतिशत के बराबर हो सके। पहले यह साढ़े तीन प्रतिशत तक रखने का प्रावधान था।