भोपाल: मोहन सरकार मप्र की जीवनदायनी नर्मदा नदी को निर्मल करने और अविरल बहाव को बनाए रखने के बड़े स्तर पर पौधा रोपण किया जाएगा। इसके लिए 124 करोड़ 46 लाख रुपए की मंजूरी मिली है। इससे नर्मदा नदी के तट के बढ़ते कटाव को रोकने में मदद मिलेगी।
इसका अविरल- निर्मल नर्मदा योजना का नाम दिया गया है। इसके तहत नर्मदा नदी के दोनों तटों से 10 किमी दायरे तक वन भूमि पर सघन पौधरोपण होगा। पौध रोपण के लिए वन विभाग के 12 वनमंडलों के 95 वन कक्षों में 5600 हैक्टेयर वन क्षेत्र शामिल किया गया है, जिसमें पौध रोपण होगा। राज्य शासन ने इसकी स्वीकृति दे दी।
योजना के तहत यह पौधरोपण सात साल में किया जायेगा। इसके लिये बजट की व्यवस्था वन विभाग के कैम्पा फण्ड से की जायेगी। इसके लिये कुल 124 करोड़ 46 लाख रुपये की मंजूरी वित्त विभाग से मिल गई है। यह राशि क्षेत्र तैयारी, गढ्ढा खुदाई, पौध परिवहन, रोपण, निदाई/गुड़ाई एवं रखरखाव में व्यय की जायेगी।
किस वर्ष में कितना खर्च
वर्ष 2025-26 70 करोड़,
वर्ष 2026-27 22 करोड़ 40 लाख
वर्ष 2027-28 12 करोड़ 88 लाख
वर्ष 2028-29 5 करोड़ 88 लाख,
वर्ष 2029-30 4 करोड़ 62 लाख,
वर्ष 2030-31 4 करोड़ 34 लाख
वर्ष 2031-32 4 करोड़ 32 लाख '
ये लाभ होंगे
मध्य प्रदेश की जीवन रेखा और करोड़ो लोगों की आस्था का केंद्र नर्मदा नदी के हालात दिन-प्रतिदिन खराब हो रहे हैं। नर्मदा नदी के किनारे घने जंगलों की कटाई होने के कारण जहां जल स्तर घट रहा है। वहीं कटाव बढ़ने से नदी का तट सिकुड़ता जा रहा है। इसे रोकने की मंशा से मुख्य मंत्री एवं वन मंत्री मोहन यादव ने नर्मदा नदी के दोनों किनारे के 10 किलोमीटर तक पौधा रोपण करने की योजना को अंतिम रूप दिया है।
इससे नर्मदा नदी अविरल बहेगी तथा नदी के तटों का भूमि कटाव रुकेगा। स्थानीय ईको सिस्टम व जैव विविधता में सुधार होगा। पौध रोपण कार्यों में स्थानीय समुदाय की भागीदारी से नदियों का संरक्षण होगा। जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों पर नियंत्रण स्थापित होगा। भू-जल स्तर में वृध्दि होगी। रोजगारमूलक गतिविधियों का क्रियान्वयन कर ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार होगा।