मध्यप्रदेश सहित 7 राज्यों से धराए गोल्डी बराड़-लॉरेंस बिश्नोई गैंग के 10 शूटर


स्टोरी हाइलाइट्स

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कुछ ऐसे भी हैं जो पहले फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसी सोशल मीडिया साइटों पर एन्क्रिप्टेड चैट प्लेटफॉर्म से जुड़े थे..!!

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गोल्डी बराड़ और लॉरेंज बिश्नोई गैंग के 10 शूटरों को सात राज्यों से दबोच लिया है। इन्हें ऑपरेशन चलाकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, बिहार और मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है। ये बदमाश कांट्रेक्ट किलिंग, जबरन वसूली जैसे अपराधों को अंजाम देने वाले थे। 

खबरों के अनुसार इन 10 शूटरों में एक नाबालिग भी शामिल है। यह पहली बार है जबकि इस तरह दिल्ली पुलिस ने 10 शूटरों को एक साथ गिरफ्तार किया, जो सराहनीय है। बताया जा रहा है, कि ये किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे, जो पुलिसिया सख्ती के चलते टल गई।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में कुछ ऐसे भी हैं जो पहले फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसी सोशल मीडिया साइटों पर एन्क्रिप्टेड चैट प्लेटफॉर्म से जुड़े थे। पहले ये सभी गोल्डी और बिश्नोई के इशारे पर आपराधिक गतिविधियां कर रहे थे।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली, यूपी और पंजाब से दो-दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और बिहार से एक-एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों की पहचान जसप्रीत सिंह, राहुल, धर्मेंद्र उर्फ ​​कार्तिक, मंजीत, गुरपाल सिंह, मंजीत सिंह गुरी, अभय सोनी, संतोष उर्फ ​​सुल्तान बाबा और संतोष के रूप में हुई है।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि विदेश भागे गोल्डी बरार और जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई के निर्देश पर दिल्ली और आसपास के इलाकों में एक अंतरराष्ट्रीय मॉड्यूल सक्रिय है। इन इलाकों में हत्या और रंगदारी जैसे कई जघन्य अपराध किये गये।

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की पुलिस कमिश्नर प्रतीक्षा गोदरा ने कहा कि दिल्ली पुलिस इस गिरोह की गतिविधियों पर नजर रख रही है। इस पर तकनीकी निगरानी की गयी। जिसमें अलग-अलग राज्यों में बैठे इस गिरोह के लोगों की कई बातचीत सामने आई जिसमें ये सभी लोग हत्या, रंगदारी और अन्य अपराधों की साजिश रच रहे थे। ये सभी व्हाट्सएप और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया साइट्स के जरिए बातचीत कर रहे थे। इसकी पुष्टि भी हो चुकी है। प्रतीक्षा गोदरा ने यह भी कहा कि इन गैंगस्टरों ने हथियार भी खरीदे हैं।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के इन सदस्यों के इरादों को विफल करने के लिए पिछले महीने 24 अप्रैल 2024 को आईपीसी के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। गिरोह के सदस्यों को पकड़ने के लिए कई टीमें भी तैयार कर विभिन्न स्थानों पर भेजी गईं, जहां से ये लोग आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।

पुलिस आयुक्त ने बताया कि गिरफ्तार किये गये लोगों के पास से सात पिस्तौल और 31 जिंदा कारतूस बरामद किये गये।