जमशेदपुर में आग का गोला बनी चलती कार, चार लोगों ने कूदकर बचाई जान


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स्टोरी हाइलाइट्स

आग लगने का कारण पता नहीं चला है, लेकिन माना जा रहा है कि यह किसी टेक्निकल खराबी की वजह से लगी थी, फायर डिपार्टमेंट ने आग पर काबू पा लिया, लेकिन कार पूरी तरह जल चुकी थी..!!

स्टील सिटी के टाटानगर में चाईबासा बस स्टैंड के पास शनिवार 22 नवंबर की सुबह एक कार में अचानक आग लग गई, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कार में सवार चार लोगों ने गजब की फुर्ती दिखाई और आग के और गंभीर होने से पहले ही गाड़ी से कूदकर अपनी जान बचाई। यह घटना सुबह करीब 9 बजे हुई। बीच सड़क पर कार को जलता देख मौके पर काफी भीड़ जमा हो गई, जिससे काफी देर तक ट्रैफिक बाधित रहा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरायकेला खरसावां जिले के गम्हरिया के रहने वाले श्रीनिवास नायक अपनी पत्नी और बेटे के साथ दुरंतो एक्सप्रेस में अपने बेटे को विदा करने टाटानगर स्टेशन पहुंचे थे। उन्होंने कार एग्जिट गेट के पास पार्क की और स्टेशन के अंदर चले गए। इस दौरान, कार में अचानक आग लग गई। गाड़ी पूरी तरह से आग की लपटों में घिर गई। स्थानीय लोगों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग तेज़ होने के कारण वे नाकाम रहे।

कार मालिक श्रीनिवास नायक ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर वह मौके पर पहुंचे तो देखा कि कार पूरी तरह से आग की लपटों में घिरी हुई थी। उन्हें शक है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी होगी।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कार टाटानगर स्टेशन इलाके की ओर जा रही थी। जैसे ही गाड़ी चाईबासा बस स्टैंड के पास पहुंची, अचानक उसके हुड से घना, काला धुआं निकलने लगा। खतरा भांपकर ड्राइवर ने तुरंत ब्रेक लगाए और सभी पैसेंजर्स को तुरंत बाहर निकलने के लिए चिल्लाया।

कार में बैठे लोगों के बाहर निकलने के कुछ ही सेकंड में, पूरी गाड़ी आग की लपटों में घिर गई। पैसेंजर्स के चेहरों पर घबराहट साफ दिख रही थी। लोकल दुकानदारों और राहगीरों से सूचना मिलने पर पुलिस और फायरफाइटर्स मौके पर पहुंचे। फायरफाइटर्स ने काफी कोशिशों के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक कार पूरी तरह जल चुकी थी।

जमशेदपुर में गाड़ियों में आग लगने की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। घटना ने एक बार फिर शहर के लोगों को परेशान कर दिया है। पिछले कुछ महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो शहर के अलग-अलग हिस्सों में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं की बढ़ती संख्या के लिए तकनीकी खराबी और इंसानी लापरवाही दोनों ही जिम्मेदार हैं। ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज्यादातर मामलों में शॉर्ट सर्किट आग लगने का मुख्य कारण होता है।

लोग अक्सर पुरानी गाड़ियों में बिना ठीक से जांच किए नई एक्सेसरीज, भारी साउंड सिस्टम या फैंसी लाइटें लगवा लेते हैं, जिससे वायरिंग पर ज्यादा दबाव पड़ता है और आग लग जाती है। इसके अलावा, रेडिएटर में पानी की कमी से इंजन का ओवरहीटिंग, पेट्रोल या CNG पाइप में लीकेज और समय पर सर्विसिंग न होना भी ऐसे जानलेवा हादसों में योगदान देता है। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि कार में हमेशा एक छोटा फायर एक्सटिंग्विशर रखना चाहिए और धुआं दिखते ही इंजन बंद कर देना चाहिए और सुरक्षित दूरी बनाए रखनी चाहिए।