भोपाल। केंद्र, मप्र एवं उप्र सरकार केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से प्रभावित जंगल क्षेत्र के संरक्षण के लिये बनाये ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप प्लान पर कुल 3 हजार 186 करोड़ 40 लाख रुपये वर्ष 2032-33 तक व्यय करेगी।
यह प्रस्ताव इस हेतु मप्र के मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में बनी तत्सम्बधी कौंसिल की हाल ही में हुई बैठक में प्रस्तुत किया गया है। इस राशि का प्रबंधन करने के लिये पन्ना टाइगर रिजर्व से 767 करोड़, अन्य संरक्षित वन क्षेत्रों की वाइल्ड लाईफ हेबीबेट मेनेजमेंट फण्ड से 195 करोड़ 88 लाख, वनमंडलों से 342 करोड़ 20 लाख, संबंधित जिला प्रशासनों से 868 करोड़ 48 लाख तथा ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप कौंसिल से 1012 करोड़ 44 लाख रुपये ली जायेगी।
इस राशि से ग्रेटर पन्ना लैंड स्केप के क्षेत्र में बाघ संरक्षण हेतु 826 करोड़, गिध्द संरक्षण हेतु 354 करोड़, घडिय़ाल संरक्षण हेतु 236 करोड़, जैव विविधता संरक्षण हेतु 354 करोड़ रुपये व्यय किया जायेगा और मानव बसाहट के सामुायिक कल्याण एवं स्वास्थ्य सुविधाओं पर 1 हजार 416 करोड़ रुपये खर्च किया जायेगा।
इसी प्रकार, वर्ष 2025-26 में मप्र के दो टाइगर रिजर्व एवं 11 वनमंडलों पर 9 हजार 868 करोड़ 47 लाख रुपये तथा उप्र के बुन्देलखण्ड वृत्त (झांसी/ललितपुर) पर 446 करोड़ 25 लाख रुपये, चित्रकूटधाम वृत्त बांदा पर 32 करोड़ 36 लाख रुपये तथा रानीपुर टाइगर रिजर्व पर 1 हजार 117 करोड़ 20 लाख रुपये व्यय किये जायेंगे।
डॉ. नवीन आनंद जोशी