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मोबाइल फ़ोन और टेलीविजन की बढ़ती क़ीमतें 

राकेश दुबे राकेश दुबे
Updated Sat , 29 Mar

सार

टीवी बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि ओपन सेल के दाम औसतन 15 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं..!

janmat

विस्तार

भारत जैसे विकासशील देश में भी अब मोबाइल फ़ोन और टेलीविजन अमीरी की निशानी न होकर आवश्यक उपकरण हो गये  है। दुर्भाग्य से  सरकार का इन उपकरणों और इनमें प्रयुक्त होने वाले पुर्ज़ों की क़ीमतों पर सरकार का  कोई नियंत्रण नहीं है। ये दोनो उपकरण इनमें इस्तेमाल होने वाले ओपन सेल की कीमतें चढ़ने से विनिर्माता अब अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने लगे हैं। लैपटॉप और स्मार्टफोन की कीमतों में इजाफा हो सकता है। टीवी बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि ओपन सेल के दाम औसतन 15 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।

मोबाइल फ़ोन और टीवी में ओपन सेल प्रमुख पुर्जा होता है औरइन उपकरणो  की कुल लागत में इसकी हिस्सेदारी 60 से 65 प्रतिशत होती है। मोबाइल फोन में भी इसका उपयोग होता है, और फ़ोन की लागत में इसकी हिस्सेदारी टीवी के मुकाबले कम होती है। महंगे फोन में मार्जिन ज्यादा होता है, जिससे कंपनियां लागत में बढ़ोतरी का बोझ सह सकती हैं।पिछले साल 2022 ओपन सेल के दाम कम थे, लेकिन 2023 की शुरुआत से इसमें तेजी देखी जा रही है। जनवरी से अब तक इसके दाम 15 से 17 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।

32 इंच के टीवी में इस्तेमाल होने वाला ओपन सेल करीब 27 डॉलर प्रति पैनल का पड़ता है। जो कम्पनी ठेके पर टीवी बनाती है। उसने तो बढ़ी हुई लागत का पूरा भार अपने ग्राहकों पर डाल दिया है। सरकार चुप है चीन में 4 से 5 पैनल विनिर्माताओं के बीच गठजोड़ के कारण यह कीमतें बढ़ी हैं।

कोडक ब्रांड की लाइसेंसी कंपनी सुपर प्लास्ट्रॉनिक्स भी जून से टीवी के दाम 10 ॰प्रतिशत बढ़ा  रही है। टीवी और मोबाइल फ़ोन निर्माताओं का कहना है कि , ‘पैनल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और अब तक इसकी कीमत 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है। इसके अलावा आपूर्ति की भी किल्लत है। इसलिए निर्माता जून से अपने ब्रांड के टेलीविजन 10 प्रतिशत तक महंगे कर रहे हैं।’

कीमतों में यह औसत वृद्धि 15प्रतिशत  तक होने के आसार दिख रहे है। इन कम्पनियों को 43 इंच से बड़े स्क्रीन वाले टीवी की बिक्री अधिक होने की उम्मीद है, जिससे कीमतें और भी बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारी सीजन तक कीमतों में तेजी जारी रहने के आसार हैं क्योंकि ओपन सेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।

यह सही है ग्राहकों को कीमतों में वृद्धि का झटका तत्काल नहीं लगेगा क्योंकि खुदरा विक्रेताओं के पास 30 से 60 दिनों का स्टॉक मौजूद है।इस क्षेत्र में काम करने वाले छोटे दुकानदार साफ़ कह रहे  हैं , ‘कीमत बढ़ोतरी का असर अगले एक या दो महीनों में दिखने लगेगा।’ कारण पैनल (ओपन सेल) के दाम लगातार बढ़ रहे हैं मगर बाजार में टीवी की कीमतें अभी नहीं बढ़ी हैं और बाज़ार प्रतीक्षा में है।इस बात की पूरी सम्भावना है कि  ‘कंपनियां निकट भविष्य में कीमतें बढ़ाकर पुर्जों की कीमतों में तेजी के कारण बढ़ी हुई लागत का कुछ बोझ ग्राहकों के कंधों पर डाल सकती हैं। मगर उसका असर वैसा नहीं होगा जैसा पिछले साल दिखा था।’

कहने को सरकार स्मार्टफोन और टीवी के पुर्जों के लिए आयात शुल्क घटाकर बढ़ी हुई लागत की कुछ हद तक भरपाई का प्रयास कर सकती है। सरकार ने इस साल के आरंभ में बजट पेश करते समय टीवी पैनल के ओपन सेल के कुछ हिस्सों पर बुनियादी आयात शुल्क 5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करने की घोषणा की थी।

पुर्जों की कीमतों में आई और सम्भावित तेजी से स्मार्टफोन अथवा लैपटॉप की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका नहीं है। इंटरनैशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) के आंकड़ों के अनुसार 2022 के दौरान देश में स्मार्टफोन की आपूर्ति इससे पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत घटकर 14.4 करोड़ रह गई थी। ऐसा मुख्य तौर पर मुद्रास्फीति में तेजी और पुर्जों के दाम बढ़ने के कारण हुआ था।