छिंदवाड़ा जिले में Coldrif सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पूरे मध्य प्रदेश में इस सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही, सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार, यह सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित एक फैक्ट्री में बनता है। घटना सामने आने के बाद, मध्य प्रदेश सरकार ने तमिलनाडु सरकार से जांच रिपोर्ट मांगी थी। आज सुबह प्राप्त रिपोर्ट में गंभीर लापरवाही की पुष्टि हुई है, जिसके आधार पर राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए प्रतिबंध लगा दिया है।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप से बच्चों की मौत बेहद दुखद है। पूरे मध्य प्रदेश में इस सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सिरप बनाने वाली कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया जा रहा है। सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में स्थित है। इसलिए, घटना की जानकारी मिलने पर, राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जाँच के निर्देश दिए।
जाँच रिपोर्ट शनिवार 4 अक्टूबर की सुबह प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई की गई। बच्चों की दुखद मौत के बाद, स्थानीय स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। मामले की जाँच के लिए राज्य स्तर पर भी एक टीम गठित की गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
गौरतलब है कि छिंदवाड़ा के परासिया ब्लॉक में कफ सिरप पीने से नौ बच्चों की मौत हो गई। कई और बच्चों का इलाज चल रहा है। इस कफ सिरप के नमूने तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स की एक इकाई से लिए गए थे। नमूनों की जाँच से पता चला कि इस सिरप में नॉन-फार्माकोपिया-ग्रेड प्रोपलीन ग्लाइकॉल था। ऐसा संदेह है कि यह डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल से दूषित था, जो दोनों ही विषाक्त पदार्थ हैं जो किडनी को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
इस रिपोर्ट के बाद, तमिलनाडु सरकार ने राज्य भर में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया। थोक और खुदरा दुकानों को स्टॉक फ्रीज करने का आदेश दिया गया। कंपनी को उत्पादन बंद करने का आदेश दिया गया तथा उसका विनिर्माण लाइसेंस रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।