भोपाल: मप्र के जंगलों में वन विभाग के स्वामित्व वाले हाथियों एवं अन्य निजी संस्थाओं एवं व्यक्तियों के हाथियों की पहचान बनाने के लिये उनका डीएनए सेम्पल लेकर रिकार्ड रखा जा रहा है तथा इसके बाद इन हाथियों में इलेक्ट्रानिक चिप भी लगाई जायेगी। यह कार्य वन विभाग द्वारा किया जा रहा है। इनमें वे हाथीं शामिल नहीं हैं जो नैसर्गिक रुप से वनों में विचरण कर रहे हैं अथवा बाहरी राज्यों से मप्र के जंगलों में आ जाते हैं।
प्रदेश में वन विभाग और अन्य निजी स्वामित्व वाले हाथियों की संख्या करीब सौ है जिनमें से अभी तक 75 प्रतिशत हाथियों का डीएनए सेम्पल लेकर भेजा चुका है। वन विभाग अपने स्वामित्व वाले हाथियों से जंगल में गश्त आदि कार्य करता है। इन पालतु हाथियों के संरक्षण के लिये यह कदम उठाया गया है तथा उनकी पहचान एवं लोकेशन भी सुनिश्चित की जायेगी।
जंगली हाथियों पर नजर रखने बनेगा एप :
इधर मप्र के वनों में विचरण कर रहे जंगली हाथियों पर नजर रखने एक एप बनाया जा रहा है जिसके माध्यम से इनकी सूचनायें मय फोटोग्राफ के दी जा सकेगी और आबादी वाले स्थलों पर समय पूर्व चेतावनी दी जा सकेगी एवं सुरक्षा के प्रबंध भी किये जा सकेंगे। बांधवगढ़ में जंगली हाथयों के विचरण की सूचना जारी करने में स्थानीय रेडियो स्टेशन से भी सहयोग लिया जा रहा है।