मप्र में बिना परमिट चलने वाली बसों एवं ट्रकों पर जुर्माना कम हुआ


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स्टोरी हाइलाइट्स

बिना परमिट चलती हैं तो उन पर एक हजार रुपये प्रति सीट का जुर्माना लगाया जायेगा जो पहले मासिक या तिमाही या वार्षिक कर का चार गुना लगता था..!!

भोपाल: राज्य सरकार ने बसों एवं ट्रकों पर जुर्माना कम कर दिया है। अब बसों जिनमें स्कूल बसें भी शामिल हैं, बिना परमिट चलती हैं तो उन पर एक हजार रुपये प्रति सीट का जुर्माना लगाया जायेगा जो पहले मासिक या तिमाही या वार्षिक कर का चार गुना लगता था। 

ऐसी बिना परमिट वाली बसों पर जीवन काल कर दिया गया है तो उस पर जीवन काल कर का 25 प्रतिशत जुर्माना लगता था लेकिन अब इन पर भी एक हजार रुपये प्रति सीट जुर्माना लगेगा। माल वाहन ट्रकों पर भी बिना परमिट चलने पर अब 1 हजार रुपये प्रति टन का जुर्माना लगाया जायेगा। ये नया प्रावधान राज्यपाल द्वारा मंजूर मप्र मोटरयान कराधान संशोधन अधिनियम 2025 के तहत किया गया है।

इसी प्रकार, अब ऐसे व्यवसायिक वाहन जिन पर प्रति माह या त्रैमासिक परिवहन कर नहीं दिया जाता है तो उस बकाया कर की राशि पर प्रति माह 4 प्रतिशत की दर से जुर्माना लगाया जायेगा लेकिन यह जुर्माना बकाया रकम के चार गुना से अधिक नहीं होगा जो पहले दो गुना था जबकि लाईफ टाईम टैक्स जमा करने वाले ऐसे वाहनों पर लाईफ टाईम टैक्स की अवधि बीत जाने पर प्रति वर्ष जीवन काल कर का दस प्रतिशत जुर्माना लगेगा लेकिन यह जुर्माना जीवन काल कर के बराबर ही लिया जा सकेगा, इससे अधिक नहीं। पहले जीवन काल कर से अधिक जुर्माना लेने का प्रावधान था।