ग्राम पंचायतों को तीन वृक्षों की टीपी देने के अधिकार दिये


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स्टोरी हाइलाइट्स

कटाई के बाद इन्हें राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर ले जाने के लिये टीपी जनरेट करने का अधिकार ग्राम पंचायतों को देने का राज्य शासन ने निर्णय लिया गया है..!!

भोपाल: राज्य सरकार प्रदेश की ग्राम पंचायतों को तीन वृक्षों की ऑनलाईन टीपी जारी करने के अधिकार दिये हैं। ये तीन वृक्ष हैं : सुबबूल, विलायती बबूल एवं नीलगिरी। दरअल इनकी ज्यादातर गांवों में बहुतायत है तथा इनका विभिन्न कार्यों में उपयोग होता है। इनकी कटाई के बाद इन्हें राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर ले जाने के लिये टीपी जनरेट करने का अधिकार ग्राम पंचायतों को देने का राज्य शासन ने निर्णय लिया गया है। इसके लिये वन विभाग के टीपी पोर्टल पर व्यवस्था की जायेगी। वन विभाग के लिये इन तीनों का कोई महत्व नहीं है तथा उसे इन्हें अपने जंगलों से श्रमिक लगवाकर हटवाना पड़ता है।

उल्लेखनीय है कि सुबबूल का उपयोग पशुओं के लिए पौष्टिक चारा, विशेष रूप से बकरी और भेड़ के लिए होता है और इसकी लकड़ी का उपयोग इमारतों, ईंधन और कागज उद्योग में किया जाता है। विलायती बबूल का जलाऊ लकड़ी के रूप में उपयोग होता है और इसके फलियों का उपयोग सूखे क्षेत्रों में पशुओं के चारे के लिए भी किया जाता है। नीलगिरी का उपयोग कागज और लुगदी उद्योग के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है और इसका तेल सर्दी, फ्लू और श्वसन संबंधी समस्याओं में राहत देता है व इसका उपयोग माउथवॉश और मलहम बनाने में भी होता है।