हार्दिक का लेटर बम! सोनिया को लिखा: प्रभु श्रीराम के मंदिर में कांग्रेस बनी बाधा, मुद्दे सुनने की बजाए मोबाइल चलाने पर हाईकमान का ध्यान ज्यादा 


स्टोरी हाइलाइट्स

हार्दिक ने सोनिया गांधी को जो लेटर लिखा उसकी भाषा बहुत तल्ख है और इससे कांग्रेस की दिक्कतें भी बढ सकती हैं.

विधानसभा चुनाव के महज 6 महीने पहले गुजरात में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने इस्तीफा दे दिया है। इसके लिए हार्दिक ने सोनिया गांधी को जो लेटर लिखा उसकी भाषा बहुत तल्ख है और इससे कांग्रेस की दिक्कतें भी बढ सकती हैं. हार्दिक ने अपने त्यागपत्र का कारण बताते हुए लेटर में कहा है कि कांग्रेस हाईकमान का मुद्दे सुनने से अधिक ध्यान चिकन सैंडविच खाने और मोबाइल फोन चलाने पर रहता है। हार्दिक पटेल ने अयोध्या मामले पर भी तल्खी दिखाई। हार्दिक ने कहा कि प्रभु श्रीराम के मंदिर बनाने के मामले में कांग्रेस केवल बाधक ही बनी है. हार्दिक के लेटर बम पर कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त कर दी है. कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने उनके इस पत्र को भाजपा का एजेंडा बताया है। 

हार्दिक पटेल ने इस्तीफा देने के साथ ही सोनिया गांधी को बेहद सख्त भाषा में एक लेटर लिखा है। पटेल ने अपने पत्र में लिखा है कि कांग्रेस हाईकमान मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं है. जब मैं खुद गुजरात की समस्याओं को लेकर जाता था तो टॉप लीडरशिप मोबाइल फोन चलाने में ही व्यस्त रहते थे। उन्होंने लिखा कि प्रभु श्रीराम के मंदिर, एनआरसी, जम्मू कश्मीर में 370 धारा हटाने जैसे मामलों का आमजन जहां समाधान चाहते थे वहीं कांग्रेस इन मसलों में केवल बाधक ही बनी रही. पत्र की भाषा से साफ हो रहा है कि वे भाजपा में शामिल में हो सकते हैं। भाजपा सूत्रों ने भी कहा है कि हार्दिक पटेल जल्द ही पार्टी में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक वे अगले महीने भाजपा का दामन थाम सकते हैं। 

गौरतलब है कि उदयपुर चिंतन शिविर में भी हार्दिक शामिल नहीं हुए थे. 13-15 मई तक उदयपुर में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर के लिए हार्दिक पटेल को भी न्योता दिया गया था। गुजरात में 6 महीने बाद विधानसभा का चुनाव होना है इसलिए कुछ दिनों पहले हार्दिक पटेल की नाराजगी के बाद कांग्रेस हाईकमान सक्रिय हो गया था। यहां तक कि राहुल गांधी ने भी हार्दिक को मैसेज कर नाराजगी की वजह भी जानने की कोशिश की लेकिन बताया जा रहा है कि उसके बाद राहुल ने कोई रिप्लाई नहीं किया। हार्दिक को उम्मीद थी कि चिंतन शिविर के बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा। यह बात भी सामने आई है कि हार्दिक ने पिछले दिनों ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि से अपने बायो से कांग्रेस शब्द हटा दिया था।