फ्लू, वायरल फीवर-निमोनिया के अंतर को समझें, उपचार से पहले पहचाने


Image Credit : twitter

स्टोरी हाइलाइट्स

कुछ महत्वपूर्ण लक्षणों पर ध्यान देकर इन तीनों को एक-दूसरे से अलग किया जा सकता है..!

फ्लू, वायरल फीवर और निमोनिया तीनों ही बीमारियों में खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसलिए इन तीनों को एक-दूसरे से अलग करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण लक्षणों पर ध्यान देकर इन तीनों को एक-दूसरे से अलग किया जा सकता है।

फ्लू और निमोनिया में अंतर

फ्लू और निमोनिया दोनों ही सांस संबंधी बीमारियां हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। फ्लू एक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर 3-4 दिनों में ठीक हो जाता है। इसमें सांस लेने में कोई समस्या नहीं होती है। हालांकि, निमोनिया एक बैक्टीरिया या वायरस के कारण होने वाली फेफड़ों की सूजन है। यह एक गंभीर बीमारी हो सकती है और समय पर इलाज न मिलने पर जान भी ले सकती है। निमोनिया में सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, थकान, भूख में कमी और ठंडा पसीना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

फ्लू और वायरल फीवर में अंतर

फ्लू और वायरल फीवर दोनों ही वायरल संक्रमण हैं। हालांकि, इन दोनों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। फ्लू में बुखार, खांसी, जुकाम, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जबकि वायरल फीवर में हल्का बुखार और सांस लेने में समस्या या छाती में दर्द नहीं होता है। वायरल फीवर किसी को भी हो सकता है। जबकि फ्लू के ज्यादातर केस बच्चों और बुजुर्गों में हो होते हैं।

निमोनिया के लक्षण

निमोनिया के प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

* तेज बुखार
* खांसी, जिसमें बलगम आ सकता है
* सांस लेने में तकलीफ
* सीने में दर्द
* थकान
* भूख में कमी
* ठंडा पसीना

निमोनिया का इलाज

निमोनिया के इलाज के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं। इसके अलावा, मरीज को पर्याप्त आराम करना चाहिए और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

निमोनिया से बचाव

निमोनिया से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

* टीके लगवाएं।
* हाथों को बार-बार धोएं।
* बीमार लोगों से दूर रहें।
* धूम्रपान न करें।

निष्कर्ष

फ्लू, वायरल फीवर और निमोनिया तीनों ही सांस संबंधी बीमारियां हैं। इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। इन तीनों बीमारियों के लक्षणों को पहचान कर समय पर इलाज करवाना जरूरी है।