हिन्दी लोकोक्तियाँ-7 -दिनेश मालवीय


स्टोरी हाइलाइट्स

हिन्दी लोकोक्तियाँ-7 -दिनेश मालवीय 1. आँसू औरत का हथियार स्त्री के आँसुओं के आगे बड़े-बड़े वीर नहीं टिकते. 2. आए थे हरी भजन को ओटन लगे कपास जिस काम के लिए गए, वह न करके कुछ और करने लगना. 3. आकाश का थूंका मुँह पर आता है. किसी बड़े या ताकतवर व्यक्ति से लड़कर पराजय ही मिलती है. किसी भले व्यक्ति के बारे में बुरा बोलने पर अपयश ही मिलता है. 4.आकाश पाताल बाँध दिए. ऐसा तब व्यंग्य में कहा जाता है, जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक झूठ बोले. 5.आखिर इंसान ही तो है. मनुष्य ही गलती करता है. वह देवता तो नहीं है. 6.आग और फूंस का बैर है. कुसंग से बचने के लिए कहते हैं. 7.आग बिना धुआं नहीं. बिना कारण के कोई बात नहीं फैलती. No smoke without fire. 8.आग लगाकर जमालो दूर खड़ी दो व्यक्तियों को लड़वाकर तमाशा देखने वाले के लिए कहते हैं. 9.आगे कुआँ पीछे खाई दोनों तरफ विपत्ति आने पर कहते हैं. Between the devil and the deep sea. 10. शेर बकरी का एक घाट पानी पीना समाज में सद्भाव होना 11. आज किधर चाँद निकल आया. बहुत दिनों के बाद मिलने पर कहते हैं. 12.आज मरे काल दूसरा दिन मौत के बाद क्या होता है, हमें क्या चिन्ता? 13.आटे के साथ घुन भी पिसता है. बुरे लोगों के साथ रहने पर भले लोगों का भी नुकसान होता है. 14. आठ कनौजिया नौ चूल्हे आपस में बहुत अनबन रहने पर कहा जाता है. कनौजियों में खानपान का विचार बहुत होता है. कोई किसी का छुआ नहीं खाता. 15.आठ बार नौ त्यौहार हिन्दुओं के विषय में कहा जाता है. उनके त्यौहार बहुत होते हैं. 16.आदमी कुछ खोकर सीखता है. मनुष्य हानि उठाकर ही सीखता या उन्नति करता है. One is wiser afteran event. 17. आदमी पानी का बुलबुला है. मनुष्य का जीवन अनिश्चित है. कभी भी मर सकता है. Man is mortal. 18.आदमी पेट का कुत्ता है. आदमी को पेट के पीछे गुलाम बना रहना पड़ता है.पेट भरने के लिए  नीच से नीच काम भी करना पड़ता है. 19.आदमी मान के लिए पहाड़ उठाता है. आदमी प्रतिष्ठा पाने के लिए कठिन से कठिन काम करता है. 20.आदमी मुश्किल से मिलता है. अच्छा या सच्चा इंसान बहुत मुश्किल से मिलता है.