केन बेतवा प्रोजेक्ट: पन्ना टाईगर रिजर्व में 6 हजार हेक्टेयर वन भूमि डूब में


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स्टोरी हाइलाइट्स

एवज में अब तक मिली 3 हजार हेक्टेयर राजस्व भूमि..!!

भोपाल: पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी केन बेतवा परियोजना के अंतर्गत पन्ना टाईगर रिजर्व में दौधन डैम बनने से करीब 6 हजार 170 हेक्टेयर वन भूमि डूब में आ रही है जिसके एवज में इतनी ही राजस्व भूमि वन विभाग को अंतरित की जाना है, जिसमें से अब तक 3 हजार 218 हेक्टेयर राजस्व भूमि तीन जिलों छतरपुर, पन्ना एवं दमोह जिलों में वन विभाग को नोटिफिकेशन के जरिये मिल चुकी है। शेष राजस्व भूमि मिलने की प्रक्रिया जारी है।

पन्ना टाईगर रिजर्व में केन बेतवा परियोजना का डैम बनने से जलाशय का केचमेंट बढ़ेगा जिससे 6 हजार हेक्टेयर से अधिक वन भूमि प्रभावित होगी। चूंकि कैचमेंट बढ़ने से टाईगर रिजर्व का काफी हिस्सा सिर्फ डूब में आयेगा तथा यह डूब वाला पानी भी वहां के वन्य प्राणियों के काम ही आएगा, इसलिए इस कैचमेंट को डिनोटिफाई नहीं किया जायेगा। लेकिन वन प्रावधानों के तहत डूब में आने वाली वन भूमि के बदले इतनी ही राजस्व भूमि अन्यत्र वन विभाग को अंतरित की जाना है। 

प्रभावित 6 हजार 170 वन भूमि में से अभी 5 हजार 109.374 हेक्टेयर राजस्व भूमि अंतरित करने के प्रस्ताव वन मुख्यालय भोपाल में आ गये हैं जिसमें से 3 हजार 218 हेक्टेयर राजस्व भूमि नोटिफिकेशन के जरिये अंतरित कर दी गई है अर्थात उन्हें वनखण्ड बना दिया गया है और अब 1 हजार 887.415 राजस्व भूमि और नोटिफिकेशन के जरिये अंतरित की जाना है जिसकी कार्यवाही प्रचलन में हैं।

विद्यमान वनमंडलों के पास मिली है राजस्व भूमि:

केन बेतवा प्रोजेक्ट में दी गई वैकल्पिक राजस्व भूमि तीन जिलों छतरपुर, पन्ना एवं दमोह के वनमंडलों के पास ही मिली है तथा आगे नये बने वनखण्डों को इन वनमंडलों के क्षेत्र में शामिल कर दिया जायेगा।

जलीय वन्य प्राणी बढ़ेंगे:

पन्ना टाईगर रिजर्व में जो वन भूमि डूब में आ रही है उसमें जलीय वन्यप्राणियों को बढ़ाया जायेगा। इसमें घडिय़ाल, डाल्फिन आदि शामिल हैं। डूब की इस भूमि पर पर्यटन गतिविधियां भी चलाई जा सकेंगी।