भोपाल: राज्य में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से 16 दिसम्बर 2025 से मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना का क्रियान्वयन प्रारंभ होगा। इसके दिशा-निर्देश सभी जिला पंचायतों के सीईओ को जारी कर दिये गये हैं। इसके लिये विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कलेक्टर द्वारा प्रभारी मंत्री एवं विधायक से परामर्श से ग्राम का चयन किया गया है।
30 सितम्बर तक इन चयनित ग्रामों में उपलब्ध संसाधनों का चिन्हांकन किया गया। 30 नवम्बर तक चयनित ग्रामों के विकास का विस्तृत विजन डाक्युमेंट तैयार किया जायेगा और पांच वर्षीय सेचुरेशन प्लान तैयार होगा। संभागीय आयुक्त प्रति माह एवं जिला कलेक्टर हर 15 दिन में उक्त कार्यों की समीक्षा करेंगे।
15 दिसम्बर तक विकास के प्राथमिकता क्रम सहित प्लान का जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति के समक्ष प्रेजेन्टेशन होगा एवं 16 दिसम्बर से कार्ययोजना का क्रियान्वयन शुरु किया जायेगा। ये चयनित ग्राम आत्मनिर्भर बनाये जायेंगे जिनमें स्वच्छता एवं हरियाली के साथ-साथ गौसेवा और आध्यात्मिकता दृष्टिगोचर होगी। इनमें गौ पालन एवं डेयरी विकास को बढ़ावा दिया जायेगा, सौर ऊर्जा एवं चारागाह विकसित किये जायेंगे, ग्राम में अधोसंरचना का विकास विकास होगा।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसा ग्राम इस योजना में चयनित होगा जिसकी न्यूनतम जनसंख्या 2 हजार होगी एवं जिसमें न्यूनतम गौवंश संख्या 200 होगी। इनमें ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु होम स्टे भी बनेंगे। 50 लाख रुपये तक के कार्य जिला पंचायत सीईओ मंजूर करेंगे जबकि इससे अधिक राशि के कार्य जिला कलेक्टर स्वीकृत करेंगे।