Sita Soren Resigns: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की विधायक सीता सोरेन ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस संबंध में एक चिट्ठी लिखी है और इसे पार्टी अध्यक्ष यानी अपने ससुर शिबू सोरेन को भेजी है. उनके इस्तीफे के कारण लोकसभा चुनाव से पहले सोरेन परिवार को झटका लगा है. खबरों के मुताबिक, सीता सोरेन बीजेपी में शामिल हो सकती है.
दरअसल, झारखंड में नई सरकार के गठन के दौरान सीता सोरेन का नाम कैबिनेट मंत्रियों की रेस में था लेकिन, उन्हें जगह नहीं मिली. उस दौरान सीता सोरेन की नाराजगी की खबरों ने काफ़ी सुर्खियां बटोरी थी. हालांकि, कुछ समय बाद सबकुछ ठीक हो गया था लेकिन अब उनके इस्तीफे से कलह खुलकर सामने आ गई है.
अपने इस्तीफे में सीता सोरेन ने लिखा, मैं सीता सोरेन, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की केन्द्रीय महासचिव एवं सक्रिय सदस्य वर्त्तमान विधायक हूँ, आपके समक्ष अत्यन्त दुःखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा प्रस्तुत कर रहीं हूँ. मेरे स्वर्गीय पति, श्री दुर्गा सोरेन, जो कि झारखण्ड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे, के निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार रहें है. पार्टी और परिवार के सदस्यों द्वारा हमे अलग-थलग कर दिया गया, जो कि मेरे लिए अत्यन्त पीड़ादायक रहा है.
उन्होंने आगे लिखा, मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेगी, परन्तु दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा जिसे मेरे स्वर्गीय पति ने अपने त्याग समपर्ण और नेतृत्व क्षमता के बल पर एक महान पार्टी बनाया था, आज वह पार्टी नहीं रहीं मुझे यह देख कर गहरा दुःख होता है कि पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गयी है. जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मुल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते. श्री शिबू सोरेन गुरूजी बाबा के अथक प्रयासों के बावजूद जिन्होंने हम सभी को एक जुट रखने के लिए कठिन परिश्रम किया, अफसोस कि उसके प्रयास भी विफल रहें.
सीता सोरेन ने बताया कि मुझे हाल ही में यह ज्ञात हुआ है कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी एक गहरी साजिश रची जा रही है. मैं अत्यन्त दुःखी हूँ. मैंने यह दृढ़ निश्चय किया कि मुझे झारखण्ड मुक्ति मोर्चा और इस परिवार को छोड़ना होगा. अतः मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहीं हूं और आप से निवेदन करती हूं कि मेरे इस्तीफे को स्वीकार किया जाये. बात दें कि हेमंत सोरेन को ED ने 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था. वे भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में फंसे हैं. फिलहाल, हेमंत जेल में बंद हैं, उनकी जगह चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया था और उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.