कंधों पर अनाज की बोरियां लादकर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले पर पहुंचे जीतू पटवारी..जानिए क्यों?


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स्टोरी हाइलाइट्स

कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश में किसानों के मुद्दों पर आवाज उठा रही है, कांग्रेस किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का सीधा वितरण करने की मांग कर रही है..!!

कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश में किसानों के मुद्दों पर आवाज उठा रही है। कांग्रेस पार्टी भावांतर योजना का विरोध कर रही है और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का सीधा वितरण करने की मांग कर रही है। इसी मांग के समर्थन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसानों के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले पर पहुंचे।

कांग्रेस और किसानों के अघोषित विरोध प्रदर्शन से पुलिस घबरा गई। अपने कंधों पर गेहूं की बोरियां लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों को रोक दिया गया। बोरी फट गई, जिससे गेहूं सड़क पर बिखर गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और किसानों ने बिखरे गेहूं के चारों ओर बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। हंगामे के बीच, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद बाहर आए और जीतू पटवारी समेत कुछ नेताओं और किसानों को अपने बंगले के अंदर ले गए, जिस पर बातचीत की गई।

कई किसान अपनी समस्याएँ बताने कांग्रेस कार्यालय पहुँचे थे। जीतू पटवारी ने जब उनकी बात सुनी, तो वे अचानक कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं और किसानों के साथ कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले की ओर चल पड़े। जीतू पटवारी अपने कंधों पर गेहूँ की बोरी उठाए हुए थे। जब प्रदर्शनकारियों को रोका गया, तो वे सड़क पर ही धरना देने लगे।

किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान कुछ कार्यकर्ताओं और किसानों के साथ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से मिले। उन्होंने उन्हें भावांतर योजना, फसलों के उचित मूल्य न मिलने और अन्य समस्याओं से अवगत कराया। किसानों की बात सुनने के बाद, जीतू पटवारी समाधान निकालने के लिए पैदल ही केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले की ओर चल पड़े।

पुलिस ने कांग्रेस नेताओं और किसानों को रोकने की कोशिश की। प्रदर्शन के दौरान बोरियाँ फट गईं और गेहूँ सड़क पर बिखर गया। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, जीतू पटवारी समेत कई किसानों को बातचीत के लिए अपने बंगले पर ले गए।

जीतू पटवारी का कहना है कि राज्य सरकार भावांतर योजना के नाम पर किसानों को गुमराह कर रही है। इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में भी इस योजना के नाम पर किसानों के साथ धोखाधड़ी की गई थी।