अमेठी छोड़ रायबरेली क्यों गए राहुल? विरासत सीट से भावनात्मक लगाव या हार का डर


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स्टोरी हाइलाइट्स

पिछले लोकसभा चुनाव में 2019 में राहुल गांधी को अमेठी में बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा था..!!

राहुल गांधी इस बार अमेठी की बजाय रायबरेली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि राहुल अमेठी छोड़ रायबरेली क्यों गए राहुल?  राहुल गांधी ने रायबरेली से चुनाव लड़ना क्यों पसंद किया? इसे इस तरह से समझें।

पिछले लोकसभा चुनाव में 2019 में राहुल गांधी को अमेठी में बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा था। अबकी बार भी बीजेपी यहां जीत के दावे कर रही है।

कहा ये भी जा रहा है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कोई जोखिम नहीं लेना चाह रही, इसलिए राहुल गांधी अमेठी की बजाय रायबरेली से चुनावी मैदान में उतरे।

बीते 5 साल में एक राहुल गांधी एक बार भी अमेठी नहीं गए। इसे भी एक प्रमुख वजह बताया जा रहा है। तर्क ये भी दिया जा रहा है कि गांधी परिवार के किसी सदस्य को रायबरेली से लड़ना था। क्योंकि ये लोकसभा सीट भी गांधी परिवार का मजबूत गढ़ रहा है। पिछली बार सोनिया गांधी रायबरेली में पौने दो लाख वोट से जीती थीं। 

रायबरेली सीट नेहरू-गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रही है। इस सीट से फिरोज गांधी से लेकर इंदिरा गांधी, अरुण नेहरू और सोनिया गांधी तक संसद पहुंचे हैं। अब जब सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा में चली गई हैं, तो स्थानीय स्तर पर इस परिवार के गढ़ से परिवार के किसी सदस्य को चुनाव लड़ाने की मांग तेजी से बढ़ रही थी। 

राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद सोनिया गांधी ने रायबरेली के लोगों को एक भावनात्मक पत्र लिखकर बताया कि इस सीट से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ेगा। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने भी कहा कि परिवार से ही कोई इस सीट से चुनाव लड़ेगा। इसके पीछे बड़ी वजह गांधी परिवार का इस विरासत सीट से भावनात्मक लगाव है।

ऐसे में इस सीट से राहुल गांधी की जीत की उम्मीद की जा रही है। पारंपरिक पारिवारिक सीट रायबरेली, अमेठी से ज्यादा सुरक्षित है। 
अमेठी से सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि रहे किशोरी लाल शर्मा ने अमेठी से और राहुल गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट से पर्चा भरा है। राहुल गांधी पहली बार रायबरेली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 2004 से 2019 तक राहुल कांग्रेस के टिकट पर अमेठी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वह इस सीट से तीन बार सांसद रहे, लेकिन पिछला चुनाव हार गये थे।

इस बार प्रियंका गांधी के राजनीतिक डेब्यू को लेकर अटकलें तेज थीं और माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें 'फैमिली लॉन्चिंग पैड' अमेठी सीट से मैदान में उतार सकती है। लेकिन प्रियंका गांधी चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थीं। रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव जीतने की स्थिति में राहुल गांधी कांग्रेस के अभेद किले रायबरेली का विकल्प चुन सकते हैं।