उज्जैन में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर अभय सिंह खराड़ी को महिला कर्मचारी से दुष्कर्म के मामले में बड़वानी पुलिस ने को गिरफ्तार किया है। आरोपी डिप्टी कलेक्टर को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
बड़वानी महिला थाने की प्रभारी अलका मनिया ने बताया कि एक महिला कर्मचारी ने उज्जैन में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर अभय सिंह खराड़ी के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत की जांच के बाद डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ रेप समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
आरोपी डिप्टी कलेक्टर पहले बड़वानी में पदस्थ था, तब उसने महिला को धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। मामला दर्ज होने पर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर आरोपी डिप्टी कलेक्टर को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया।
पुलिस टीम ने उज्जैन, इंदौर, धार समेत कई जगहों पर छापेमारी की और भोपाल से डिप्टी कलेक्टर अभय सिंह खराड़ी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। बड़वानी जिला अदालत ने डिप्टी कलेक्टर को जेल भेज दिया।
डिप्टी कलेक्टर ने पुलिस से बचने की बहुत कोशिश की लेकिन साइबर सेल की मदद से आखिरकार बड़वानी पुलिस ने डिप्टी कलेक्टर को भोपाल से गिरफ्तार कर लिया।
बताया जाता है कि पुलिस से बचने के लिए डिप्टी कलेक्टर ने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लिया था। हालांकि, मोबाइल की आखिरी लोकेशन भोपाल में पाई गई। इसी सुराग के आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर डिप्टी कलेक्टर को गिरफ्तार कर लिया।
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि यदि कोई सरकारी अधिकारी नियमानुसार 48 घंटे तक पुलिस हिरासत या जेल में रहता है तो उसकी जानकारी वरिष्ठ प्रशासनिक कार्यालय भोपाल को भेजी जाती है। इसके बाद वहां से अधिसूचना जारी की जाती है। अक्सर देखा जाता है कि ऐसे मामलों में अफसरों को निलंबित करने के आदेश भी भोपाल से आते हैं।