कांग्रेस की करारी हार के बाद कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त होने के लिए कांग्रेस हाईकमान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। लेकिन फिलहाल कमलनाथ का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। लेकिन सवाल इस बात को लेकर भी ये सवाल उठने लगे हैं कि कमलनाथ के बाद पीसीसी चीफ का पद कौन संभालेगा।
कांग्रेस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए कई दावेदार सामने आने लगे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष कौन बनेगा इस पर पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने भी अपनी राय रखी है।
सांसद अरुण यादव कहते हैं कि वह जूनियर कांग्रेस कार्यकर्ता हैं। उन्होंने अपनी ओर से कांग्रेस आलाकमान से उन्हें पीसीसी चीफ बनाने की मांग नहीं की है। लेकिन अगर कांग्रेस आलाकमान उन्हें कोई जिम्मेदारी देगी तो वह उसे निभाएंगे। कांग्रेस पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी, वह उसे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे।
हरदा जिले की दोनों सीटें कांग्रेस ने जीत ली हैं, ये सीट अरुण यादव की थीं। इस जीत से खुश अरुण यादव का कहना है कि हरदा की दोनों सीटों पर दुष्ट और शरारती बीजेपी नेता चुनाव लड़ रहे थे। उनमें से एक मंत्री थे। लेकिन ये सभी हार गए हैं और जनता ने कांग्रेस विधायकों पर भरोसा जताया। आपको बता दें कि हरदा से मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल इस बार चुनाव हार गए हैं।
अरुण यादव ने कहा, राज्य में कांग्रेस की हार गंभीर मामला है। हम इस मुद्दे पर हर स्तर पर मंथन कर रहे हैं। हम अपनी गलतियों को सुधारेंगे और पुनः प्रयास करेंगे। हमें बहुत उम्मीद थी कि सरकार बनेगी लेकिन हम समीक्षा करेंगे कि हम क्यों नहीं बना पाये। कपड़े फाड़ने की राजनीति का इस हार से कोई लेना-देना नहीं है। हमारे कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के लिए बहुत संघर्ष किया है।
युवा नेताओं की हार पर अरुण यादव ने कहा कि जीतू पटवारी, कुणाल चौधरी, संजय शुक्ला ये सभी हमारी पार्टी के युवा नेता हैं और इनकी हार की समीक्षा की जाएगी। वहीं, ईवीएम में खराबी जांच का विषय है। बैलेट पेपर में तो कांग्रेस जीत गई लेकिन ईवीएम में हार गई।
अरुण यादव का कहना है कि वह यह नहीं कह रहे कि इसके लिए ईवीएम जिम्मेदार हैं। ईवीएम भी एक कारण हो सकती है और हमारी कुछ गलतियां भी एक कारण हो सकती हैं। बीजेपी ने ये चुनाव धोखे से जीता है। हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस को फिर से स्थापित करेंगे।