कैसा हो कि अगर सड़क पर चलते हुए कोई कार दिखाई न दे। शहर के सारे लोग ई-बाइक ई-रिक्शा या फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही उपयोग करते दिखाई दें। चौंकिए मत क्योंकि ऐसा हुआ है और वो भी मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर शहर में।
दरअसल इंदौर ने 22 सितंबर को नो कार डे मनाया। नो कार डे केम्पेन का असर इंदौर की सड़कों पर तो देखने को मिला ही साथ-साथ शहर के ज़िम्मेदार अधिकारी भी इस कैंपेन का पूरी तरह से पालन करते दिखे।
शहरवासियों ने खुद अपनी ज़िम्मेदारी समझी और सभी को जागरूक, मोटिवेट करने के लिए इंदौर के लोगों ने कदम आगे बढ़ाये। और सभी अपने-अपने कार्यालय पब्लिक ट्रासंपोर्ट का उपयोग करके पहुंचे।
इंदौर कलेक्टर टी इलैया राजा भी घर से पैदल ही निकल पड़े। जेपीओ पहुंचकर उन्होंने पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही उपयोग करना मुनासिब समझा। यहाँ से बस पकड़ी और जिला कलेक्टर कार्यालय भवर कुआँ तक का रास्ता तय किया। बस के सफ़र के दौरान कलेक्टर साहब को सह यात्रियों से गप्पें मारते हुए भी देखा गया।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव, पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर समेत अन्य कई अधिकारी ई-रिक्शा और सायकिल की सवारी करते दिखे। इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने ऑफिस पहुंचने के लिए ई-बाइक का इस्तेमाल किया। ऑफिस जाने के लिए वह घर से ई-बाइक लेकर निकले और अन्य लोगों से इंदौर में नो कार डे पर सार्वजनिक परिवहन, ई-बाइक, ई-रिक्शा या साइकिल का उपयोग करने की अपील की।