मप्र में अगले वित्तीय वर्ष के बजट के स्थान पर नई राज्य सरकार विधानसभा में लेखानुदान प्रस्तुत कर सकती है। इसमें जून 2024 तक के व्यय के लिए आवश्यक प्रावधान किया जाएगा। मानसून सत्र में ही पूर्ण बजट प्रस्तुत होगा। लेखानुदान के साथ ही वर्ष 2023-24 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें अभी की आवश्यकता के पूर्ति लिए विभागों को अतिरिक्त राशि दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि बजट के लिए सरकार नवंबर से तैयारियां प्रारंभ कर देती है। विभागवार प्रस्ताव बुलाने के साथ उप सचिव, विभागाध्यक्ष, सचिव और प्रमुख सचिव स्तर की बैठक होती है और फिर वित्त मंत्री भी अन्य मंत्रियों के साथ बैठक करके प्रस्तावों को चर्चा कर अंतिम निर्णय के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। विधानसभा चुनाव के कारण इस बार यह प्रक्रिया नहीं हुई।
दिसंबर के अंतिम सप्ताह या जनवरी के प्रथम सप्ताह में विस सत्र बुलाया जा सकता है। इसमें द्वितीय अनुपूरक बजट भी प्रस्तुत किया जा सकता है। पांच साल पहले जब चुनाव के बाद भी यही स्थिति बनी थी तब सरकार ने यही किया था। तत्कालीन वित्त मंत्री तरुण भनोत ने अप्रैल से जून 2024 तक आवश्यक खर्च के लिए 72 हजार करोड़ रुपये से अधिक का लेखानुदान और तृतीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया था।
अभी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी कह चुकी हैं कि आम चुनाव के पहले लेखानुदान प्रस्तुत होगा। चुनाव के बाद पूर्ण बजट प्रस्तुत किया जाएगा। वित्त अधिकारियों का कहना है कि यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह #बजट प्रस्तुत करना चाहती है या लेखानुदान । राज्य के बजट का बड़ा आधार केंद्र सरकार की योजनाएं, राज्यांश, वित्तीय सहायता सहित अन्य माध्यमों प्राप्त होने वाली राशि "होता है, इसलिए सामान्यतः केंद्रीय बजट की प्रतीक्षा की जाती है। लेखानुदान में केवल जरूरी खर्च के लिए इंतजाम होते हैं। बंधन नहीं होने पर बड़ी और नई घोषणाएं भी आमतौर पर नहीं की जाती हैं।