भोपाल: राज्य के वित्त विभाग ने सरकारी कार्यालयों एवं निर्माण एजेन्सियों को मिले बजट जोकि उनके बैंक खातों में लम्बे समय तक जमा रहता है, पर ब्याज पाने का अधिकार खत्म कर दिया है तथा इन सभी से कहा है कि वे हर तीसरे माह के बाद पड़ने वाले माह की 5 तारीख तक ब्याज की राशि सरकारी खजाने में जमा करा दें।
वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी ने सभी विभाग प्रमुखों, विभागाध्यक्षों एवं बजट नियंत्रण अधिकारियों को निर्देश भेजकर कहा है कि वित्त विभाग की सहमति से राज्य शासन के विभिन्न विभागों के निर्देश पर उनके अधीनस्थ डीडीओ द्वारा निर्माण कार्यों एवं अन्य कार्यों हेतु आवश्यक राशि कोषालय से आहरित की जाती है।
यह राशि बैंक खातों में अथवा क्रियान्वयन एजेन्सी के बैंक खाते में जमा की जाती है तथा अव्ययित राशि पर ब्याज अर्जित होता है। इस प्रकार अर्जित ब्याज को त्रैमासिक अवधि पर शासकीय खजाने में जमा कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इसलिये प्राप्त अर्जित ब्याज राशि को प्रति तिमाही के उपरान्त आगामी 5 तारीख के पूर्व राज्य की संचित निधि में सायबर कोषालय के माध्यम से जमा कराया जाये तथा जमा ब्याज राशि के संबंध में माह की 15 तारीख तक प्रशासकीय विभाग के माध्यम से निर्धारित प्रपत्र में आवश्यक जानकारी वित्त विभाग को उपलब्ध करायी जाये।
इस संबंध में केंद्र सरकार ने भी निर्देशित किया हुआ है। इस प्रकार, वित्त विभाग ने ब्याज की राशि को सरकारी आय का साधन बना दिया है जिसका उपयोग वह अन्य कार्यों में कर सकेगी। इससे सरकारी कार्यालयों द्वारा उन्हें मिले अपनी योजना के क्रियान्वयन के बजट को समय पर व्यय करने की प्रवृत्ति बढ़ेगी।