सतपुड़ा-मेलघाट टाईगर कॉरीडोर में फोरलेन नेशनल हाईवे हेतु वन्यप्राणियों के आवागमन के लिये बनेंगे नौ अण्डर पास


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स्टोरी हाइलाइट्स

अब यह मामला केंद्र सरकार के नेशनल वाईल्ड लाईफ बोर्ड के पास उसकी अंतिम अनुमति हेतु जायेगा..!

भोपाल: सतपुड़ा-मेलघाट टाईगर कॉरीडोर में फोरलेन नेशनल हाईवे हेतु वन्यप्राणियों के आवागमन के लिये नौ अण्डर पास बनाये जायेंगे। राज्य सरकार ने इसके लिये स्वीकृति प्रदान कर दी है। अब यह मामला केंद्र सरकार के नेशनल वाईल्ड लाईफ बोर्ड के पास उसकी अंतिम अनुमति हेतु जायेगा।

दरअसल, भारतमाला परियोजना इकानॉमिक कॉरीडोर फेस-1 के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-47 के हरदा बैतूल सेक्शन में तिमागांव किमी 30 से चिचौली किमी 81 कुल लम्बाई 51 किमी को चार लेन में चौड़ीकरण किया जाना है तथा इसके लिये 98.2 हेक्टेयर वनभूमि में से सतपुड़ा-मेलघाट टाईगर कॉरीडोर के अंतर्गत होशंगाबाद वनमण्डल का 6.117 हेक्टेयर एवं पश्चिम बैतूल वनमण्डल का 8.458 हेक्टेयर भूमि उपयोग की जाना है और इसके लिये राज्य सरकार से अनुमति मांगी गई थी जो अब दे दी गई है।

इस परियोजना के अंतर्गत 2842 वृक्षों को काटा जाना है। परियोजना की कुल लागत 86 करोड़ रुपये है। इस टाईगर कॉरीडोर में आ रहे फोरलेन नेशनल हाईवे में वन्यप्राणियों आवागमन के लिये नौ अण्डर पास बनाये जायेंगे यानि हाईवे के नीचे से वन्यप्राणियों के आने-जाने का रास्ता बनाया जायेगा। इसके अलावा एक उच्च स्तरीय पुल का निर्माण भी किया जायेगा।

राज्य शासन ने श्र्त रखी है कि संरक्षित वन क्षेत्र में परियोजना लागत की 2 प्रतिशत की राशि मप्र टाइगर फाउंडेशन सोसायटी के खाते में वन्यप्राणी कॉरीडोर के विकास हेतु जमा कराना होगी। नियमानुसार नेट प्रेजेन्ट वैल्यु का भुगतान करना होगा। वन एवं वन्यप्राणियों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया जायेगा।