राहुल गांधी की सदस्यता रद्द, भड़की कांग्रेस, BJP बोली- कर्मों का फल 


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स्टोरी हाइलाइट्स

राहुल गांधी की सदस्यता को लेकर अब कांग्रेस की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है..!

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस एक्शन के बाद राहुल गांधी 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। आपराधिक मामले में 2 साल से ज़्यादा की सजा होने पर कानूनन ऐसा प्रावधान है।

राहुल गांधी की सदस्यता को लेकर अब कांग्रेस की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस के ऑफीशियल ट्विटर हैंडल @INCIndia पर इसे लेकर लिखा गया -राहुल गांधी जी की लोकसभा सदस्यता ख़त्म कर दी गई। वह आपके और इस देश के लिए लगातार सड़क से संसद तक लड़ रहे हैं, लोकतंत्र को बचाने की हर सम्भव कोशिश कर रहे हैं। हर षड्यंत्र के बावजूद वह यह लड़ाई हर क़ीमत पर जारी रखेंगे और इस मामले में न्यायसंगत कार्यवाही करेंगे। लड़ाई जारी है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता @Jairam_Ramesh ने कहा कि -हम कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से इस लड़ाई को लड़ेंगे। हम भयभीत या चुप नहीं रहेंगे। पीएम से जुड़े अडानी महामेगा घोटाले में जेपीसी के बजाय, राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया गया है। भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।

वहीं राहुल गांधी को सज़ा सुनाए जाने को लकर प्रियंका गांधी ने भी विरोध जताया था प्रियंका का कहना था, कि डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर @RahulGandhi जी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है।

भाजपा ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किये जाने को किये का नतीज़ा बताया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कर्म प्रधान विश्व रचि राखा।
जो जस करहि सो तस फल चाखा।। 

आपको बता दें, कि राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में ये विवादित बयान दिया था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी के उपनाम एक जैसे क्यों हैं? सारे चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों है? इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। सूरत कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल की सजा सुनाई थी। फैसला सुना जाने के वक्त राहुल गांधी कोर्ट में मौजूद थे। राहुल गांधी पर पिछले 4 साल से मानहानि का मामला चल रहा था।